
राजसमंद जे.के.फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन करते श्रमिक।
राजसमंद. कांकरोली स्थित जे.के.टायर फैक्ट्री में बीएमएस और इंटक में मान्यता को लेकर टकराव ने उग्र रूप ले लिया। एक पक्ष के समर्थकों ने मुख्यगेट पर तालाबंदी कर धरने पर बैठ गए, जबकि दूसरे पक्ष के समर्थकों ने वाहन रैली निकालकर जिला कलक्टर एवं एसपी के नाम ज्ञापन सौंपा। समाचार लिखे जाने तक फैक्ट्री में काम बंद रहा और समर्थक धरने पर बैठे रहे। दोनों यूनियन अपने पास बहुमत होने का दावा कर रही है। कांकरोली में जे. के. टायर फैक्ट्री संचालित है। यहां पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और जे.के.टायर एम्पलाइज यूनियन (इंटक) यूनियन संचालित है। बीएमएस के पदाधिकारी व समर्थक गुरुवार को सुबह 5.30 बजे मुख्यगेट पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए। बीएमएस के संरक्षक दिनेश पालीवाल ने बताया कि श्रमिक इंटक की कार्यप्रणाली और वादे पूरे नहीं होने से परेशान होकर हमारे साथ हो गए हैं। बहुमत हमारे पास होने के बावजूद प्रबंधन बीएमएस को मान्यता नहीं दे रहा है। इस संबंध में करीब दस दिन पहले प्रबंधन को अवगत कराया गया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया। ऐसे में आक्रोशित होकर मुख्यगेट पर ताला लगाकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि जब तक प्रबंधन हमें मान्यता नहीं देगा तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। प्रदर्शन में बीएमएस अध्यक्ष हिम्मत सिंह सोलंकी, महामंत्री मोतीलाल सहित कई श्रमिक इसमें शामिल है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले भी प्रबंधन के खिलाफ समझौते को लागू नहीं किए जाने को लेकर भी धरना-प्रदर्शन किया गया था।
जे.के.टायर एम्पलाइज यूनियन (इंटक) की ओर से फैक्ट्री के मुख्य गेट पर तालाबंदी करने के विरोध में वाहन रैली निकाली गई। रैली में शामिल पदाधिकारी व कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर उन्होंने नारेबाजी कर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर के नाम उपखण्ड अधिकारी एवं एसपी के नाम डीवाईएसपी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि कुछ स्वार्थी मजदूर एवं असामाजिक तत्वों ने सरकार की शह पर मजदूरों को जबरन रोकर कारखाने को बंद कर दिया है। इससे मजदूरों पर रोजगार का संकट गहरा गया है। वर्तमान में इंटक सत्ता पक्ष में है, मजदूर भी हमारे साथ है, लेकिन बीएमएस ने जबदस्ती गेट पर ताला लगा दिया है। इंटक अध्यक्ष चुन्नीलाल पंचोली ने दावा किया कि 1400 मजदूरों में से 1111 श्रमिक हमारे साथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन के दम पर श्रमिकों को डरा धमका कर मजदूरों के फर्जी साइन किए जा रहे हैं। उन हस्ताक्षरों की एफएसएल जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि साइन सही होंगे तो स्वयं ही पद छोड़ दूंगा। इस दौरान कई श्रमिक भी उपस्थित रहे।
Published on:
05 Jul 2024 11:11 am
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