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श्रीनाथजी ने आरोगा भव्य छप्पनभोग

विटठलनाथजी में माखन चोरी का मनोरथ

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श्रीनाथजी ने आरोगा भव्य छप्पनभोग

chhappanbhog manorath at shreenathji mandir

नाथद्वारा. आराध्य प्रभु श्रीनाथजी को अधिकमास के अवसर पर भव्य छप्पनभोग का मनोरथ हुआ। ठाकुरजी के सबसे बड़े मनोरथ का यह आयोजन अब अधिकमास के समापन अवसर पर आगामी १६ अक्टूबर को होगा। अधिकमास के सबसे बड़े मनोरथ के आयोजन की प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में आनंद की अनुभूति रही। इस अवसर पर श्रीजी बावा को भव्य शृंगार धराया गया । देहली के श्रद्धालु परिवार की ओर से आयोजित छप्पनभोग मनोरथ के अवसर पर श्रीजी बावा को अलौकिक शृंगार धराया गया एवं गोमाता के भाव की चितराम वाली पिछवाई सुशोभित कराई गई एवं स्वर्णाभूषण सुशोभित कराये गए।लालन में मनोरथ : शुक्रवार को निधि स्वरूप लाड़ले लालन में राजभोग की झांकी के समय अदभुत डोल बनी मनमोहन का मनोरथ हुआ। इसमें निधि स्वरूप को विशेष शृंगार के साथ डोल में बिराजित किया गया। जबकि, सायंकाल भोग आरती की झांकी में निधि स्वरूप के मंदिर के पास स्थित बगीची में पुष्प वितान का मनोरथ हुआ। इसमें विविध प्रकार के पुष्पों का समावेश कर सजाए गए पुष्प वितान में निधि स्वरूप को बिराजित किया गया। द्वितीय पीठ में माखन चोरी की लीला का मनोरथ यहां स्थित द्वितीय पीठ विट्ठलनाथजी मंदिर में बाल लीला के भाव को जीवंत करते हुए माखन चोरी का मनोरथ हुआ । राजभोग की झांकी के समय मंदिर के रतन चौक में मनमोहक सुंदर सजावट पीठाधीश्वर पुत्र हरीराय बावा व वाग्धीश बावा द्वारा की ओर से की गई। प्रभु को नौ चौकियों पर सूखे मेवे की कलात्मक मंडली में विराजित किया गया। श्रीमस्तक पर चमकिला टिपारा, पीली चुनरी चारदाली के मल्लकाछ वस्त्र धराए गए। विविध ग्वाल-बाल मटकियों से माखन चुराते हुए एवं साथ ही गाय वानर हिरण मोर पक्षी आदि को भी चुराया हुआ माखन ठाकुर जी खिला रहे हैं, इस भाव की अलौकिक आभा सजाई गई। इसी प्रकार शयन की झांकी के दर्शन में चौपड़ खेल की सांझी मनोरथ में युगल स्वरूप को आनंद पूर्वक विराजित किया गया। यमुना महाराणी का मनोरथयमुना महाराणी मंदिर में फाग का यानि डोलोत्सव का मनारेथ राजभोग की झांकी में संपन्न हुआ एवं सायंकाल छह बजे घटा के दर्शन खुले इन दर्शनों का लाभ स्थानीय श्रद्धालुओं ने लिया।