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देवगढ़. मौसम बदलते ही बुखार, खांसी-जुकाम और वायरल बुखार के मरीजों की बाढ़ सी आ गई है। हालात यह हैं कि देवगढ़ उप जिला अस्पताल में शनिवार को ओपीडी की संख्या 750 तक पहुंच गई। सुबह से ही अस्पताल परिसर में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। किसी के हाथ में बच्चा, किसी के साथ वृद्ध और कई मरीज खुद को संभालते हुए बमुश्किल लाइन में खड़े नजर आए। भीड़ का आलम यह था कि पर्ची काउंटर से लेकर दवा वितरण केंद्र तक हर जगह धक्का-मुक्की जैसी स्थिति रही। बीमार लोग थकान और कमजोरी के बावजूद घंटों अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर दिखे।
डॉ. सुशील जीनगर ने बताया कि इस समय मौसम में तेज़ उतार-चढ़ाव है। दिन में उमस और रात में ठंडक के कारण वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यही वजह है कि बुखार, खांसी-जुकाम और सिरदर्द जैसी बीमारियां बड़ी संख्या में लोगों को जकड़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि थोड़ी सी लापरवाही गंभीर परेशानी खड़ी कर सकती है।
पिछले सप्ताह अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती रही।
ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि मरीजों की संख्या हर दिन अस्पताल की क्षमता से कई गुना अधिक है।
देवगढ़ उप जिला चिकित्सालय में 22 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ़ 7 चिकित्सक ही तैनात हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि शनिवार को इनमें से 3 डॉक्टर छुट्टी पर थे और एक न्यायिक कार्य से बाहर गए हुए थे। नतीजतन ड्यूटी पर सिर्फ़ 3 चिकित्सक ही उपलब्ध रहे। इनमें से भी एक ऑपरेशन थिएटर में व्यस्त थे और एक दंत चिकित्सक अपने कक्ष में बैठकर काम कर रहे थे। परिणामस्वरूप सैकड़ों मरीज केवल डॉ. सुशील जीनगर के कमरे में ही इलाज के लिए जमा हो गए।
सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के कारण मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। गरीब और ग्रामीण इलाकों से आए लोग सरकारी अस्पताल पर निर्भर रहते हैं, लेकिन डॉक्टरों के अभाव में उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है।
Published on:
31 Aug 2025 10:55 am
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