जोशी का संक्षिप्त जीवन परिचय नाम : सीपी जोशी
पिता : स्वर्गीय भूदेव प्रसाद जोशी (अध्यापक रहे)
माता : सुशीला (बादाम) देवी (गृहणी)
जन्म दिनांक : 29 जुलाई 1950, स्थान : कुंवारिया
शिक्षा : एमएससी, एमए, पीएचडी, एलएलबी
प्राथमिक शिक्षा नाथद्वारा में एवं उच्च शिक्षा उदयपुर में ग्रहण की।
पारिवारिक परिचय : पत्नी डॉ. हेमलता जोशी (विवाह 25अप्रेल 1986 को)
संतान : हिमांशु जोशी
पिता : स्वर्गीय भूदेव प्रसाद जोशी (अध्यापक रहे)
माता : सुशीला (बादाम) देवी (गृहणी)
जन्म दिनांक : 29 जुलाई 1950, स्थान : कुंवारिया
शिक्षा : एमएससी, एमए, पीएचडी, एलएलबी
प्राथमिक शिक्षा नाथद्वारा में एवं उच्च शिक्षा उदयपुर में ग्रहण की।
पारिवारिक परिचय : पत्नी डॉ. हेमलता जोशी (विवाह 25अप्रेल 1986 को)
संतान : हिमांशु जोशी
राजनैतिक सफर पर एक नजर
1980 को पहली बार नाथद्वारा से विधायक बने
उसके बाद 1985 को दोबारा विधायक बने। 1993 के चुनाव में उनका टिकट कट गया। फिर 1998 में और 2003 में भी विधायक चुने गए। 2008 के विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस में बरसों तक फॉलोअर रहे कल्याण सिंह चौहान (भाजपा) से एक मत से पराजित हो गए। 2009 में भीलवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर मनमोहन सिंह सरकार में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सड़क परिवहन एव राजमार्ग मंत्री एवं रेलवे मंत्री जैसे भारी भरकम पदों पर जिम्मा सम्भाला। वर्ष 2014 में लोकसभा के लिए जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े, लेकिन पराजित हो गए। बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव बनाए गए। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम आदि राज्यों का प्रभारी बनाया गया। इससे पूर्व 7 दिसम्बर 1998 से लेकर 4 दिसम्बर 2003 तक प्रदेश की गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, विशिष्ट योजना संगठन एवं एकीकृ ग्रामीण विकास, आयोजना जन शक्ति, आर्थिक एवं सांख्यिकी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, भूजल, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा, भाषा, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार एवं नीति निर्धारण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं सूचना एवं संचार मंत्री रहे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दस साल बाद नाथद्वारा विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक चुने गए। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने।
1980 को पहली बार नाथद्वारा से विधायक बने
उसके बाद 1985 को दोबारा विधायक बने। 1993 के चुनाव में उनका टिकट कट गया। फिर 1998 में और 2003 में भी विधायक चुने गए। 2008 के विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस में बरसों तक फॉलोअर रहे कल्याण सिंह चौहान (भाजपा) से एक मत से पराजित हो गए। 2009 में भीलवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर मनमोहन सिंह सरकार में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सड़क परिवहन एव राजमार्ग मंत्री एवं रेलवे मंत्री जैसे भारी भरकम पदों पर जिम्मा सम्भाला। वर्ष 2014 में लोकसभा के लिए जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े, लेकिन पराजित हो गए। बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव बनाए गए। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम आदि राज्यों का प्रभारी बनाया गया। इससे पूर्व 7 दिसम्बर 1998 से लेकर 4 दिसम्बर 2003 तक प्रदेश की गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, विशिष्ट योजना संगठन एवं एकीकृ ग्रामीण विकास, आयोजना जन शक्ति, आर्थिक एवं सांख्यिकी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, भूजल, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा, भाषा, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार एवं नीति निर्धारण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं सूचना एवं संचार मंत्री रहे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दस साल बाद नाथद्वारा विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक चुने गए। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बने।
इन समितियों के भी रहे सदस्य
1980-83 सदस्य प्राक्कलन समिति, 1982-85 सदस्य वित्त, करारोपण, आबकारी शिक्षा भाषा, वक्फ विभागों की संसदीय परामर्शदात्री समिति, 1983-88 सदस्य जनलेखा समिति, 1985-90 तक सभापति, विशेषाधिकार समिति, 2004 से 2005 तक सदस्य राजकीय उपक्रम समिति। पार्टी में 24 सितम्बर, 2007 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। जोशी उदयपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष व अध्यक्ष भी रहे।