
Heavy Rain Effect in kumbhalgarh
कुंभलगढ़. उपखंड की कालिंजर पंचायत के बड़गुल्ला गांव में रविवार देर रात तेज बारिश आफत बनकर टूटी। लगातार झमाझम बारिश के बीच अचानक रात करीब दस बजे 85 वर्षीय केसरसिंह सोलंकी का मकान भरभराकर गिर पड़ा। गनीमत रही कि परिवार के सदस्य पास वाले कमरे में सो रहे थे, वरना हादसा बड़ा हो सकता था। गांव के लोगों का कहना है कि जैसे ही जोरदार आवाज हुई, चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और बुजुर्ग दंपति को सुरक्षित बाहर निकाला। रात उन्होंने पड़ोसी के घर में गुजारी। मकान गिरने से घर का राशन, बर्तन और जरूरी सामान मलबे में दबकर खराब हो गया। हादसे के समय मकान के नीचे बंधी गाय का बछड़ा भी मलबे में दब गया। लकड़ी की पट्टियों के गिरने से उसके दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हो गए। ग्रामीणों ने उसे निकालकर प्राथमिक उपचार दिया। फिलहाल मकान का आधा हिस्सा किसी तरह खड़ा है लेकिन दीवारों में गहरी दरारें हैं और वह भी गिरने की कगार पर है।
सूचना मिलते ही कालिंजर के शंकर गुर्जर, रोजगार सहायक तुलसीराम और कालूसिंह सोलंकी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और उचित मुआवजे का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने इस मामले की जानकारी कुंभलगढ़ उपखंड अधिकारी को भी भेज दी है। लोगों की मांग है कि परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए और पशु के उपचार की व्यवस्था भी हो।
इसी बीच, लावासरदारगढ़ क्षेत्र में जीवनदायिनी चन्द्रभागा नदी भी तेज बारिश से उफान पर है। शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे कस्बे का मनोहरसागर तालाब छलक गया। तालाब का पानी निकलकर नदी में समा गया और नदी अपने पूरे वेग से सारनिया खेडा एनिकट तक पहुंची। रात भर बहाव जारी रहा और तड़केसारनिया का खेडा एनिकट भी छलक गया। रविवार सुबह करीब 11 बजे पानी ने वीरवास एनिकट को भी छू लिया। पुलिये पर करीब 4 इंच की चादर चलने लगी। अब पानी लोढियाणा एनिकट की ओर बढ़ रहा है।
जहां एक ओर किसानों और ग्रामीणों में पानी की आवक को लेकर खुशी है, वहीं दूसरी ओर तेज बहाव से जनजीवन प्रभावित होने की चिंता भी बनी हुई है। कई जगह छोटे रास्ते और पुलियें पानी से ढक गए हैं। लोग एहतियात बरतते हुए आवागमन कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि कमजोर मकानों और कच्चे घरों में रहने वालों को सतर्क रहना होगा। प्रशासन के सामने चुनौती है कि प्रभावित परिवारों को समय पर राहत पहुंचाई जाए और नदी-तालाब के उफान से गांवों को सुरक्षित रखा जाए।
Updated on:
08 Sept 2025 03:00 pm
Published on:
08 Sept 2025 02:59 pm
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