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इस ग्राम पंचायत में पिछले 20 दिनों में कैद हुए चार आदमखोर

पिपलांत्री और बोरज ग्राम पंचायत मेें पिछले तीन माह में चार लोगों को पर पैंथर ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इसके पश्चात से वन विभाग ने कई जगह पिंजरे लगाए थे। इसमें पिछले 20 दिनों में चार पैंथरों को पकडकऱ रेस्क्यू कर चुके हैं।

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वन विभाग के पिंजरे में कैद हुआ पैंथर

राजसमंद. पिपलांत्री ग्राम पंचायत के बड़ी मोरवड़ के निकट रखे पिंजरे में एक पैंथर बुधवार रात्रि को कैद हो गया। उसे वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर कुंभलगढ़ सेंचुरी में छोड़ दिया। वन विभाग की ओर से पिछले 20 दिनों में चौथा पैंथर पकडक़ऱ उसे रेस्क्यू किया गया है। वन विभाग के रेंजर रविन्द्र सिंह राणावत ने बताया कि पिपलांत्री पंचायत के बड़ी मोरवड़ जाने वाले मार्ग के निकट पैंथर के मूवेंंट की सूचना मिल रही थी। इस पर वहां पर पिछले आठ-दस दिनों से पिंजरा लगा रखा था। बुधवार देररात्रि को पिंजरे में 7-8 साल का नर पैंथर के कैद होने की सूचना मिली। सूचना पर वन विभाग की टीम और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे रेस्क्यू कर कुंभलगढ़ सेंचुरी एरिया में छोड़ा गया। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ माह में चार लोगों की पैंथर के हमले में मौत हो चुकी है। वहीं कई गाय एवं अन्य पशुओं को अपना शिकार बना चुका है।

यहां पिंजरे में कैद हो चुके हैं पैंथर

वन विभाग ने एक सितम्बर की रात्रि को भूडान और बोरज में लगाए गए पिंजरे में नर और मादा पैंथर पिंजरे में कैद हुए थे। इसके बाद 5 सितम्बर को पिपलांत्री पंचायत के गुगलेटा गांव में एक पैथर पिंजरे में कैद हुआ था। इसके पश्चात बुधवार रात्रि को बड़ी मोरवड़ जाने वाले रास्ते में लगाए गए पिंजरे में पैंथर कैद हुआ है।

अफवाह नहीं फैलाएं, रखें विशेष सावधानी

वन विभाग के अनुसार पिछले कुछ दिनों पैंथर को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। पैंथर की आवाजाही के चलते ग्रामीणों को सूर्यास्त के बाद बाहर निकलते समय विशेष सावधानी रखनी चाहिए। हाथों में लकड़ी रखनी चाहिए। माइङ्क्षनंग एरिया में अकेले नहीं जाना चाहिए। साथ ही पशुओं को चराने के लिए लेकर जाने से बचना चाहिए।

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