
minister kiran maheshwari
राजसमंद। विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी के विरुद्ध पिछले चुनावों के दौरान नामांकन-पत्र में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा छोड़ी गई खामी उनके लिए गलफांस बनी हुई है। याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट से स्टे मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए हैं। इसके अलावा माहेश्वरी पर दो और मामलों में आरोप लगे हैं।
माहेश्वरी की ओर से गत चुनाव के दौरान दाखिल नाम-निर्देशन पत्र पार्टी का चिह्न नहीं होने व रिटर्निंग अधिकारी के बगैर हस्ताक्षर स्वीकार करने को लेकर जितेंद्र कुमार खटीक ने राजनगर थाने में प्रकरण दर्ज कराया था। विधायक व रिटर्निंग अधिकारी ब्रजमोहन बैरवा ने जिला एवं सेशन कोर्ट में निगरानी याचिका दायर की, जो खारिज हो गई। उसके बाद विधायक ने हाइकोर्ट से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया, तो जितेंद्र कुमार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। राजसमंद की स्थानीय अदालत में पुलिस एफआर पर प्रोटेस्ट पिटीशन भी विचाराधीन है।
परीक्षा में फेल कराया!
मंत्री के विरुद्ध खटीक ने एक और मामला प्रतापनगर (उदयपुर) थाने में दर्ज करवाया। इसमें आरोप है कि सुविव एलएलएम परीक्षा में जिम्मेदारों पर दबाव डालकर उसे पास होते हुए भी फेल कराया। खटीक ने यह भी आरोप लगाया कि उसने माहेश्वारी के विरुद्ध पहले से दो अपराधिक प्रकरण दर्ज करवा रखे हैं, जिन्हें खारिज कराने का दबाव बनाया जा रहा है। इसकी जांच सीआइडी (सीबी) अजमेर कर रही है। इधर, राजनगर थाने में फर्जी अंकतालिका मामले में भी माहेश्वरी आरोपी हैं। जिला परिषद सदस्य श्यामलाल सांवरिया के निर्वाचन दस्तावेजों में फर्जी अंकतालिका बनवाने में मदद का माहेश्वरी, दिनेश बड़ाला और सत्यप्रकाश काबरा पर आरोप है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस जांच जारी है।
एक मामला भाजपा सरकार ने वापस लिया
पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजसमंद शहर से बस स्टैंड को धोइंदा स्थानांतरित करने की कार्रवाई के विरोध में विधायक किरण माहेश्वरी सहित कई लोग सड़कों पर उतरे थे। माहेश्वरी पर धारा 144 का उल्लंघन कर रैली व धरना-प्रदर्शन करने का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले को भाजपा ने सरकार में आते ही उठा लिया।
- मैं कुछ नहीं कहना चाहती। इन मामलों में जो होना था वह हो गया है।
किरण माहेश्वरी, राजसमंद विधायक
Published on:
04 Oct 2018 08:02 am
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