मंत्री के विरुद्ध खटीक ने एक और मामला प्रतापनगर (उदयपुर) थाने में दर्ज करवाया। इसमें आरोप है कि सुविव एलएलएम परीक्षा में जिम्मेदारों पर दबाव डालकर उसे पास होते हुए भी फेल कराया। खटीक ने यह भी आरोप लगाया कि उसने माहेश्वारी के विरुद्ध पहले से दो अपराधिक प्रकरण दर्ज करवा रखे हैं, जिन्हें खारिज कराने का दबाव बनाया जा रहा है। इसकी जांच सीआइडी (सीबी) अजमेर कर रही है। इधर, राजनगर थाने में फर्जी अंकतालिका मामले में भी माहेश्वरी आरोपी हैं। जिला परिषद सदस्य श्यामलाल सांवरिया के निर्वाचन दस्तावेजों में फर्जी अंकतालिका बनवाने में मदद का माहेश्वरी, दिनेश बड़ाला और सत्यप्रकाश काबरा पर आरोप है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस जांच जारी है।
पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल में राजसमंद शहर से बस स्टैंड को धोइंदा स्थानांतरित करने की कार्रवाई के विरोध में विधायक किरण माहेश्वरी सहित कई लोग सड़कों पर उतरे थे। माहेश्वरी पर धारा 144 का उल्लंघन कर रैली व धरना-प्रदर्शन करने का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले को भाजपा ने सरकार में आते ही उठा लिया।
किरण माहेश्वरी, राजसमंद विधायक