जमाव बिंदु से 1.5 डिग्री नीचे तक गया तापमान
सर्दी ने तोड़ा सालों का रिकॉर्ड

राजसमंद. देश के विभिन्न भागों में हो रही बर्फबारी का असर राजसमंद को भी कपा रहा है। शनिवार को इस मौसम का सबसे ठंडा दिन और रात रहे। सालों बाद तापमान जमाव बिंदु से डेढ़ डिग्री नीचे चला गया। खेतों की पाल तथा फसलों पर ओस जम गई। शहर व आसपास के क्षेत्रों में बीती रात तापमान १.५ डिसे लुढक़कर -१.५ डिसे पहुंच गया। शीतलहर ने सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। वहीं दिन का तापमान भी १.५ डिग्री गिरकर २५.२ डिसे तक पहुंच गया। इससे धूप में खड़े लोग भी कपकपाते दिखे। शाम को लोग जल्द ही घरों में दुबक गए, जिससे रात आठ बजे ही बाजार में चहल-पहल कम हो गई।
शीतलहर के चलते सुबह नौ बजे ऐसा लग रहा था जैसे सुबह के सात बजे हों। बर्फानी हवाओं ने लोगों का धुजा दिया। वहीं घरों के अलावा विभिन्न गली मोहल्लों में लोगों ने अलाव तापकर सर्दी कम करने का जतन किया। जरूरी काम छोडक़र भी लोग दिनभर धूप सेकते नजर आए। दिन ढलते ही सर्दी और गलन ने बिकराल रूप ले लिया। हाथ पैरों की उंगलिया ठिठुरने लगीं। जिससे लोगों को अलाव व हीटर का सहारा लेना पडा़। सर्दी का असर बढऩे से रात आठ बजे बाद बाजार सूने होने लगे। व्यापारिक प्रतिष्ठान अपने निर्धारित समय से पूर्व ही बंद हो गए।
पहली बार माइनस में गया पारा
राजसमंद के कृषि विज्ञान केन्द्र के पास वर्ष 2011 में तापमापी यंत्र लगाया गया। इसमें पहलीबार शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात्रि को -1.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले कम तापमान वर्ष 2015 में -.६ डिग्री दर्ज किया गया था। जानकारों की माने तो तापमान में इतनी गिरावट कई वर्षों से नहीं देखी गई।
स्वेटर के बाद भी
छूट रही धूजणी
शनिवार सुबह से ही गलन वाली सर्दी रही। शीतलहर के चलते दोपहर को धूप का असर फीका रहा। शाम छह बजे से सर्दी और तेज हो गई तथा हाथ पैरों की उंगलिया ठिठुरने लगीं। सर्दी का असर बढ़ते ही शहरी क्षेत्रों में गर्म दूध की बिक्री बढ़ गई। लोगों ने शरीर को गर्म कपड़ों से पूरी तरह ढक लिया लेकिन उसके बाद भी धूजणी छूटती रही। सर्दी दूर करने के लिए लोग राठासेण माता मंदिर के पास, जलचक्की चौराहे, मुखर्जी चौराहे पर स्थित दूध की दुकानों में शाम से ही गर्म दूध पीते नजर आए। साथ ही कई स्थानों पर लोगों ने अलाव का इंतजाम किया।
कुंभलगढ़ में पिछले पांच दिनों से जम रहा है पानी
कुंभलगढ़. उपखण्ड मुख्यालय समेत आसपास के गांवों में पिछले पांच दिनों से हर रोज पानी जम रहा है। शुक्रवार की रात को आंतरी ग्राम पंचायत स्थित बारा में पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया और छत पर रखी पानी की बाल्टी में भरा पानी जम गया। वहीं, खेतों एवं पानी की टंकियों में भी पानी पर बर्फ की परत जमने लगी है। कड़ाके की ठंड एवं गलन का अहसास पूरे दिन बना रहने से जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में दुपहिया वाहनचालकों व दुर्ग पर घूमने आए पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में लोग दिनभर ठंड से बचने के उपाय करते रहे।
लसानी क्षेत्र में फसलों पर जमी बर्फ
लसानी. मौसम की सबसे सर्द रात के चलते शुक्रवार को कस्बे व आसपास के क्षेत्र में खेतों में फसलों पर गिरी ओस की बूंदें सुबह बर्फ की शक्ल में दिखाई दी।
क्षेत्र के इशरमण्ड, ताल काकरोद, ठिकरवास, दौलपुरा व छापली सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप बना रहा। इससे सुबह व शाम ही नहीं दिन में भी धुजणी का असर बना रहा। ऐसे में सर्दी से बचने के लिए ग्रामीण अलाव का सहारा ले रहे हैं। ग्रामीण जगदीश प्रसाद व्यास, नरेश सोनी, गोपाल शर्मा ने बताया कि शनिवार को खेतों में खड़ी रबी फसलों पर बर्फ जमी दिखाई दी। वहीं, खुले में रखी तगारी आदि में भी ऊपर की ओर बर्फ की परत जम गई। कड़ाके की सर्दी के चलते पाला गिरने की आशंका के कारण किसान खेतों में धुआं सहित अन्य उपाय करके फसलों के बचाव का प्रयास कर रहे हैं।
देवगढ़. पिछले दिनों से सर्दी में इजाफा हुआ और हाड़ कंपाने वाली ठंड ने लोगों को कंकंपाने को मजबूर कर दिया। इसके चलते शुक्रवार व शनिवार सवेरे नगर में कई वाहनों पर बर्फ की परत जमी देखी गई। ऐसे में सर्दी से लोग गर्म कपड़ों में भी बेहाल दिखाई दिए। इसके चलते दिन में भी जगह-जगह लोग अलाव जलाकर बचाव का जतन करते दिखाई दिए।
शीत के सितम से पपीते की फसल हुई चौपट
कुंवारिया. कड़ाके की सर्दी के चलते क्षेत्र के लापस्या ग्राम पंचायत अंतर्गत बगतपुरा दगोलिया का खेड़ा गांव में पाला पडऩे से पपीते की फलस खराब हो गई।
बगतपुरा दगोलिया का खेड़ा निवासी सुरेशचन्द्र जाट पुत्र लेहरी लाल ने 6 माह पूर्व आधुनिक कृषि करने के लिए खेत तैयार किया व उन्नत बीजों से करीब साढ़े आठ सौ पौधे पपीते के लगाए। वह दिन-रात देखभाल कर फसल को तैयार कर रहा था। ऐसे में उनमें फल भी आने लगे थे। इसी बीच विगत दो दिनों से रात में पड़ रही हाड़ कम्पाने वाली सर्दी के चलते पाला पडऩे से उसकी पपीते ही पूरी फसल नष्ट हो गई। पौधे मुरझा गए तथा सर्दी से पत्ते जल गए और टूटकर गिरने लगे हैं। कृषि से जुडे जानकारों ने बताया कि साढ़े आठ सौ पोधे पपीते के नष्ट होने का मतलब लाखों रुपए का नुकसान है। इसको लेकर भारतीय किसान संघ के उदयपुर प्रखण्ड सहमंत्री सुरेश शर्मा, भाजपा कुरज मण्डल अध्यक्ष अरूण बोहरा, लापस्या सरपंच सपना देवी शर्मा, कुरज सरपंच अनिल चौधरी, फियावड़ी सरपंच रोशनलाल भील, जुणदा सरपंच दिनेश टांक ने किसान को मुआवजा दिलाने की मां की है।

अब पाइए अपने शहर ( Rajsamand News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज