scriptRajsamand: बनास नदी के पेटे में बड़े पत्थर बन गए रोड़ा, अब इन्हे हटाने वाला कोई नहीं | Rajsamand: Big stones have become a hindrance in the bed of the Banas river, now there is no one to remove them | Patrika News
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Rajsamand: बनास नदी के पेटे में बड़े पत्थर बन गए रोड़ा, अब इन्हे हटाने वाला कोई नहीं

खमनोर में बनास नदी के पेटे में पड़े बड़े-बड़े पत्थर और मलबा हटाने की बजाय एक साल से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है।

राजसमंदNov 18, 2024 / 06:55 pm

Madhusudan Sharma

Banas River News
राजसमंद. खमनोर में बनास नदी के पेटे में पड़े बड़े-बड़े पत्थर और मलबा हटाने की बजाय एक साल से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। खमनोर-मोलेला पुलिया के पास नदी के प्रवाह में अवरोधक इन पत्थरों को हटाने के लिए तहसीलदार और उपखंड अधिकारी शायद सक्षम नहीं है, तभी उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों की वे पालना नहीं करवा पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब कलक्टर ही बनास नदी की छाती पर पड़े इस बोझ को हटवा सकते हैं। नदी के शुद्ध पानी में कस्बे से बहकर मिल रहा गंदा पानी और किनारों पर फैलाया जा रहा कचरा व गंदगी भी बड़ा मुद्दा है।
पत्रिका ने 17 नवंबर 2023 को ‘बनास के दुश्मनों ने पेटे में लगा दिए पत्थर-मलबे के ढेर’, ‘18 नवंबर 2023 को न पटवारी को पता न वीडीओ को, तहसीलदार खनन विभाग से पता करवाएंगे, किसने डाले नदी पेटे में पत्थर’, 21 मई 2024 को ‘बनास में गंदगी का अंबार, स्वच्छता से नहीं सरोकार, तभी सो रहे जिम्मेदार’ एवं 25 जुलाई 2024 को ‘नदी के प्रवाह की प्रशासन को होती परवाह तो हटाता बाधा’ शीर्षक से खबरें प्रकाशित की, लेकिन न तो नदी के पेटे से पत्थर व मलबा हटा, न नदी के शुद्ध जल में मिल रहा गंदा पानी रोका गया और ना ही नदी किनारों और आसपास लाकर डंप किया जा रहा कचरा और गंदगी का आलम सुधरा। तहसीलदार ने ठीक एक साल पहले भू-अभिलेख निरीक्षक और पटवारी को भेजकर मुआयना करवाया और रिपोर्ट बनवाई थी। साथ ही कहा था कि नदी पेटे से पत्थर-मलबा भी हटवाएंगे और डंप करने वाले दोषियों की पहचान कर कार्रवाई भी करेंगे, लेकिन वे दावे न जाने कहीं हवा हो गए।

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