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बाल विवाह रोकने कलक्टर ने गठित की समितियां, कहा- सख्त मॉनिटरिंग करें

आखातीज और पीपल पूर्णिमा पर अबूझ सावा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से लेकर एसडीएम तक को जिम्मेदारी  

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राजसमंद. जिले में आगामी दिनों अबूझ सावों के दौरान सम्भावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने बाल विवाह रोकने के लिए ग्राम व तहसीलवार कमेटियां गठित कर जिला व उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों को प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।
इस वर्ष 22 अप्रेल को अक्षय तृतीया (आखातीज) व 5 मई को पीपल पूर्णिमा है। इस दौरान अबूझ सावा होने से बाल विवाह होने की प्रबल सम्भावनाएं हैं। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सीएलजी ग्रुप एवं समाज के मुखियाओं के साथ चेतना बैठक करने, ग्राम सभाओं में बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा व रोकथाम, ग्राम सभाओं में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध करवाई प्रचार-प्रसार सामग्री बांटने, आंगनबाड़ी केन्द्रों, राजकीय विद्यालयों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों व राजकीय भवनों में जनजागृति संदेश प्रदर्शित करने को कहा गया है। कलक्टर ने समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
गांव-मोहल्लों के उन परिवारों में, जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी समन्वित रूप से समझाइश करेंगे तथा आवश्यक होने पर कानून की मदद से बाल विवाह रोकेंगे।
ग्राम पंचायतवार नियंत्रण अधिकारी नियुक्त : जिला कलक्टर ने ग्राम पंचायतवार समूह गठित कर नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किए हैं। एसडीएम, बीडीओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सीडीपीओ को नियंत्रण अधिकारियों तथा समस्त उपखण्ड अधिकारियों को आवंटित ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त अपने अधीनस्थ क्षेत्र में अधिकारियों से समन्वय का जिम्मा सौंपा है।

बाल विवाह में मदद नहीं करने का भरोसा देना होगा
प्रिन्टिंग प्रेस वाले निमंत्रण-पत्र में वर-वधू की आयु का प्रमाण-पत्र सुरक्षित रखेंगे तथा निमंत्रण-पत्र पर वर-वधू की जन्मतिथि अंकित करेंगे। हलवाई, बैण्ड, पण्डित, बाराती, पाण्डाल व टेन्ट वाले, ट्रान्सपोर्टर बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन देंगे। बाल विवाह की सूचना मिलने पर अधिनियम की धारा 16 के अन्तर्गत बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों (संबंधित उपखण्ड अधिकारी) की जवाबदेही नियत की जाएगी।

ये रहेंगे कमेटी में
ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, बीट कांस्टेबल, आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल किए। तहसील स्तरीय समिति में तहसीलदार, संबंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारी व थानाधिकारी तथा सर्तकता दल में उपखण्ड अधिकारी, संबंधित वृत्ताधिकारी व सीडीपीओ को शामिल किया है।

करना होगा कानून का प्रचार-प्रसार
कलक्टर ने बताया कि समस्त समितियां वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, सीडीपीओ, सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, नगर परिषद् व नगर पालिका के कार्मिक, जिला परिषद् व पंचायत समिति सदस्य, सरपंच तथा वार्ड पंचों की मदद व समन्वय से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं आवश्यक दायित्व सुनिश्चित करेंगे।

कंट्रोल रूम बनेगा
नियंत्रण कक्ष के नम्बर 02952-297045 एवं हेल्पलाइन नम्बर 1098 तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमन्द को 8306002135 व 02952-294498 पर अवगत करा सकेंगे। उपखण्ड स्तरीय नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर राजसमन्द-220103, रेलमगरा-267900,नाथद्वारा-231855, कुंभलगढ़-242436, आमेट-250148, भीम-250229, देवगढ़-253061 हैं।