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राजसमंद अरबन कॉपरेटिव बैंक से पूर्व सीइओ ललित प्रकाश शर्मा ने की करोड़ों रुपए की हेराफेरी

locationराजसमंदPublished: Nov 06, 2018 11:24:03 am

Submitted by:

laxman singh

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रजासमंद में प्रकरण दर्ज

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राजसमंद अरबन कॉपरेटिव बैंक से पूर्व सीइओ ललित प्रकाश शर्मा ने की करोड़ों रुपए की हेराफेरी

राजसमंद. दी राजसमंद अरबन कॉपरेटिव बैंक राजसमंद के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर पूर्व सीइओ ललित प्रकाश शर्मा लाखों रुपए डकार गए। राजस्थान पत्रिका द्वारा लगातार खबरें प्रकाशित कर किए खुलासे के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद ने संज्ञान लेकर जांच शुरू की। बजाज एलाइंज इंश्योरेंस कंपनी में अभिकर्ता उनकी बेटी भूमिका श्रीमाली को फायदा पहुंचाने के लिए बैंक से पॉलिसी ले ली और बैंक से प्रीमियम भुगतान करते रहे। फिर परिपक्वता पर 26 लाख रुपए निजी बैंक खाते में जमा करवा दिए। यही नहीं, सारे कानून कायदे दरकिनार कर पूर्व सीइओ शर्मा ने दामाद धीरेन श्रीमाली को 8 5 लाख रुपए का ऋण दे दिया। गंभीर गफलत उजागर होने पर एसीबी ने पूर्व सीइओ ललितप्रकाश के साथ बैंक वर्तमान सीइओ जियाराम विश्नोई, बैंक कार्मिक, पूर्व सीइओ के बेटी-दामाद सहित दो ऑडिटर कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
एसीबी के अनुसार राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेकर जांच के बाद रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई। लाखों रुपए गबन सामने आने पर मुख्यालय द्वारा 303/18 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। जांच के मुताबिक पूर्व सीइओ ललित प्रकाश ने 11 अगस्त 2004 को दस साल के लिए खुद के नाम पॉलिसी कराई, मगर प्रीमियम बैंक खाते से किया। फिर 18 अगस्त 2014 को 26 लाख 6 4 हजार 38 1 रुपए खुद के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में जरिये चैक से उठा लिए। ललित प्रकाश ने उनकी बेटी भूमिका श्रीमाली जो कि बजाज एलाइन्ज इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड की अभिकर्ता थी, जिसे कमीशन का फायदा पहुंचाने के लिए यह पॉलिसी की थी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए निरीक्षण में भी यह अनियमितता उजागर हो गई। बाद में रजिस्ट्रार सहकारिता विभाग द्वारा जांच के बाद राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 55 की जांच के आदेश हुए। बाद में सीइओ शर्मा ने गबन के 26 लाख 6 4 हजार रुपए जमा करवा दिए, मगर दस वर्ष तक बैंक की राशि का निजी उपयोग करने के ब्याज जमा नहीं कराया। इससे बैंक को 1 लाख 76 हजार 58 8 रुपए के ब्याज की चपत लगी। इसके अलावा बैंक के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर लाखों रुपए इधर उधर करने की अनियमितता सामने आ गई।
दामाद-समधी को दे दिए डेढ़ करोड़
जांच के मुताबिक राजसमंद अरबन कॉपरेटिव बैंक से फर्जी तरीके से पूर्व सीइओ ललित प्रकाश ने उनके दामाद धीरेन जोशी को 8 5 लाख रुपए का ऋण दे दिया। दामाद की फर्म मैसर्स श्रीजी होण्डा है, जिसके नाम ऋण उठाया गया। इसी तरह उनकी बेटी के ससुर व समधी प्रकाश श्रीमाली की फर्म हाइटेक अर्थभुवर्स के नाम 50 लाख रुपए का ऋण उठाया गया।
इनके विरुद्ध दर्ज हुई एफआइआर
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दी राजसमंद अरबन कॉपरेटिव बैंक राजसमंद के पूर्व सीईओ एस 73 टाइग हील, बड़ी रोड, बड़ी (उदयपुर) निवासी ललित प्रकाश शर्मा पुत्र हिरालाल शर्मा, आनंद विहार, किशोरनगर राजसमंद हाल बैंक के वर्तमान सीइओ जीयाराम विश्नोई, बैंक शाखा उदयपुर के कार्मिक मिराज मल्हार, न्यू भोपालपुरा उदयपुर निवासी हरिकृष्ण त्रिपाठी पुत्र श्रीजीलाल त्रिपाठी, पूर्व सीईओ ललित प्रकाश शर्मा की बेटी व राजसमंद अरबन बैंक की कार्मिक भूमिका श्रीमाली और उनके दामाद शिवाजी नगर उदयपुर, निवासी धीरेन श्रीमाली, समधी प्रकाश श्रीमाली पुत्र शंकर श्रीमाली एवं ऑडिटर श्री गर्ग एण्ड एसोसियट, उदयपुर व ऑडिटर व्यास भाटिया एण्ड कम्पनी चार्टेड अकाउण्टेण्ट के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
पत्रिका की सिलसिलेवार खबरें
राजस्थान पत्रिका ने 5 फरवरी 16 को ‘राजसमंद अरबन बैंक में लाखों की हेर-फेर…Ó, 6 फरवरी 16 को ‘बेटा-बेटी को नियम विरुद्ध दे दी नौकरी…Ó, 8 फरवरी 16 को ‘कार्मिकों के नाम भी उठे एक करोड़!…Ó, 12 मार्च 16 को ‘सरकार ने कॉपरेटिव विभाग से मांगा जवाब…Ó, 19 मार्च 16 को ‘दो साल से लीपापोती का खेल…Ó, 31 मार्च 16 को ‘एसीबी ने भी डाला हाथ, करेगी तहकीकात…Ó शीर्षक से खबरें प्रकाशित कर राजसमंद बैंक के रिकॉर्ड में हेराफेरी का खुलासा किया।
पत्रिका की खबरों पर संज्ञान
राजस्थान पत्रिका द्वारा सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की, जिस पर संज्ञान लेकर जांच करने पर राजसमंद अरबन बैंक में अनियमितता सामने आ गई। तथ्यात्मक रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी, जहां से अब एफआइआर दर्ज कर ली गई। अब विस्तृत जांच करते हुए अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। राजेश चौधरी,
अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद

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