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स्मैक की करते थे होम डिलीवरी, बेरोजगारों को फंसाकर चार सौ रुपए रोज देकर बनाई तैयार की थी गैंग

locationराजसमंदPublished: Mar 16, 2019 01:51:12 am

Submitted by:

abdul bari

स्मैक की होम डिलीवरी के लिए कतिपय बदमाशों ने चार सौ रुपए प्रतिदिन देकर बेरोजगारों को फांसते हुए गुर्गें की बड़ी गैंग तैयार कर ली।

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स्मैक की करते थे होम डिलीवरी, बेरोजगारों को फंसाकर चार सौ रुपए रोज देकर बनाई तैयार थी गैंग

लक्ष्मणसिंह राठौड़/राजसमंद
उदयपुर संभाग में मादक पदार्थों की तस्करी व आपूर्ति करने वाला सरगना राजसमंद का ही निकला, जिसे प्रतापगढ़ जिले की धमोतर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही राजसमंद, उदयपुर व चित्तौडग़ढ़ जिले के सीमावर्ती इलाकों में स्मैक की होम डिलीवरी करने वाले सप्लायरों के नाम सामने आए हैं। मादक पदार्थ तस्करी का सरगना व गिरोह के दर्जनों सदस्य नाथद्वारा क्षेत्र के ही होने का खुलासा होने के साथ ही नाथद्वारा पुलिस की पोलपट्टी भी खुल गई। सरगना ने स्मैक की तस्करी व होम डिलीवरी के लिए चार सौ रुपए मेहनताना देकर बेरोजगारों को फांसकर बड़ी गैंग बना डाली, मगर नाथद्वारा थाना पुलिस हाथ पर हाथ धरे सबकुछ देखती रह गई।
प्रतापगढ़ के धमोत्तर थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि 13 मार्च को संदिग्ध गतिविधि पर कानोरा, रठांजना (प्रतापगढ़) निवासी पप्पु पुत्र रामलाल माली एवं कादर खान उर्फ राजू उर्फ खाजु पुत्र बाबू खां को गिरफ्तार कर 160 ग्राम स्मैक बाइक की डिक्की से बरामद की। दोनों बदमाशों से सख्त पूछताछ करने पर पता चला कि वे उक्त स्मैक नाथद्वारा थाना क्षेत्र के अडग़ेला निवासी विक्रमसिंह पुत्र देवीसिंह राजपूत व उसके भाई शैतानसिंह को सप्लाई करने जा रहे थे।
इसके बाद धमोत्तर पुलिस ने दबिश देकर विक्रमसिंह को गिरफ्तार कर प्रतापगढ़ ले गए। पुलिस की सख्त पूछताछ में विक्रमसिंह ने कबूल किया कि नाथद्वारा के साथ राजसमंद, उदयपुर व चित्तौडग़ढ़ जिले के सीमावर्ती इलाकों में स्मैक की होम डिलीवरी की जा रही है। यही नहीं, राजसमंद व उदयपुर जिले में स्मैक की आपूर्ति करने वाले दर्जनभर सप्लायरों के नाम बताए हैं, जिनकी भी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
ये है स्मैक के मुख्य सप्लायर
अडग़ेला निवासी विक्रमसिंह राजपूत, उसका भाई शैतानसिंह, खरताणा (फतहनगर) निवासी दिनेश जाट, लक्ष्मण जाट, उथनोल निवासी हरीश पुरोहित, गिरीराज जाट, देवीलाल जाट, जेवाणा (फतहनगर) निवासी कमलेश जाट।

होम डिलीवरी के लिए बनाए कई गुर्गे
स्मैक की होम डिलीवरी के लिए कतिपय बदमाशों ने चार सौ रुपए प्रतिदिन देकर बेरोजगारों को फांसते हुए गुर्गें की बड़ी गैंग तैयार कर ली। स्मैक के आदी नशेडिय़ों को माल पहुंचाने का कार्य गुर्गे करते थे, जिन्हें इन सप्लायरों द्वारा 400 रुपए मजदूरी दी जाती और बाइक व उसमें पेट्रोल सप्लायर का ही रहता था।

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