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नशे को ‘ना’ व योग साधना को ‘हां’ कहने का सही समय

- योग व ध्यान नशा छोडऩे में कारगर- नशा छोडऩे से परिवार में आएगी आर्थिक समृद्धि व मानसिक शांति- घर में रहते हुए समय का सदुपयोग भी होगा

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नशे को 'ना' व योग साधना को 'हां' कहने का सही समय

नशे को 'ना' व योग साधना को 'हां' कहने का सही समय

राकेश गांधी
राजसमंद. नशा कोई भी हो, बहुत बुरा होता है। इससे न केवल नशा करने वाले का शरीर खराब होता है, बल्कि ये पूरे परिवार को आर्थिक संकट में भी खड़ा कर देता है। अधिक नशा करने वालों की हालत इतनी खराब हो जाती है कि वे भी इसे छोडऩे के लिए हरसंभव उपाय ढूंढते नजर आते हैं। योग साधना व ध्यान इसमें सहायक हो सकते हैं। प्रेक्षा ध्यान प्रशिक्षक डा. सीमा कावड़िया बताती है कि ध्यान व मेडिटेशन न केवल तनाव मुक्त करता है, बल्कि नशे की लत छुड़ाने में भी कारगर है। डा. सीमा पिछले लम्बे समय से लोगों को प्रेक्षा ध्यान का प्रशिक्षण दे रही है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इन दिनों पूरे देश में कफ्र्यू से हालात हैं। अत्यन्त जरूरी वस्तुओं के अलावा बाजार प्राय: बंद हैं। ऐसे में नशा करने वालों के लिए संकट खड़ा हो गया है। कांकरोली व राजनगर क्षेत्र में जानकारी करने पर पता चला कि यहां बीड़ी-सिगरेट, गुटखा व शराब-भांग आदि का नशा करने वाले तो हैं ही, स्मैक-गांजा के शौकीन भी कम नहीं हैं। इन दिनों से ये सब प्राय: नहीं मिल रहे। हालांकि ये जानकारी भी मिली कि कुछ पान व गुटखा बेचने वाले अपने स्थाई ग्राहकों को उनके घर गुटखा-सिगरेट आदि सामग्री पहुंचा रहे हैं, जबकि शराब बेचने वाले भी दो दिन पूर्व तक अपने 'चोरÓ दरवाजे से चुपके-चुपके ग्राहकों को ये सब सुलभ करवा रहे थे। हालांकि अब शराब की दुकानों पर भी सख्ती बढ़ाने के बाद नशा करने वालों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। हैरानी तो इस बात की है कि नशा करने वाले अलर्जी, दर्द निवारक, कफ सिरप, कुछ आयुर्वेदिक टॉनिक आदि दवाओं का भी उपयोग करते हैं, जबकि बिना चिकित्सक की सलाह से ये सब लेने से किडनी व लीवर खराब होने की आशंका रहती है।
नशामुक्त होने का ये बेहतर समय
योग के एक जानकार कहते हैं, कोरोना वायरस का ये संकट भयावह है। फिर भी ईश्वर ने घर में रहने का मौका दिया है तो इसे सुअवसर मानते हुए नशा करने वालों को अपनी आदतें बदलनी चाहिए। उन्हें जल्दी सोने व जल्दी उठने की आदत डालते हुए रोज सवेरे योग साधना करना चाहिए। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि नशे से दूर रहने व योग साधना से उनकी सेहत भी सुधरेगी और घर-परिवार की आर्थिक स्थिति भी सम्पन्न होगी। वे कहते हैं कि युवाओं को खासकर नशे से दूर रहने का पूरा प्रयास करना चाहिए। उनके अभिभावकों को भी अपने युवा पारिवारिक सदस्यों के साथ प्राणायाम आदि करते हुए उन्हें सही रास्ते पर चलने को प्रेरित करना चाहिए। अभी घर पर सभी सदस्यों के साथ रहते हुए ये सब करना बहुत आसान होगा।
मन से ये उपाय करो तो बेहतर
शराब की लत छोडऩे के लिए अजवायन का प्रयोग किया जाता है। देसी आजवायन को पीसकर पानी में भिगो दें और दो दिन बाद इस पानी को आधा रहने तक उबालें। बचे हुए पानी को छानकर रख लें। जब कभी शराब पीने का मन हो तो इसे 4 से 5 चम्मच पी लें। इससे शराब छोडऩे में मदद मिलेगी। प्रतिदिन सेब का सेवन भी शराब छोडऩे में कारगर साबित हो सकती है।
अजवायन और सौंफ का उपाय
तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि छोडऩे के लिए 50 ग्राम अजवायन, 50 ग्राम सौंफ और 25 ग्राम काला नमक मिलाकर बारीक पीस लें। इसमें 4 चम्मच नींबू का रस मिलाकर रात भर छोड़ दें। दूसरे दिन इस चूर्ण को गर्म तवे पर थोड़ा भून लें। इसे ठंडा कर शीशी में भर लें। जब भी बीड़ी, सिगरेट पीने का मन हो, इसका थोड़ा-थोड़ा सेवन करें।
हरड़ या लौंग भी उपयोगी
सिगरेट से छुटकारा पाने के लिए हरड़ को मुंह में रख कर चूसें। लौंग को भी आप मुंह में दबाकर रखें। थोड़ा आत्मविश्वास बनाए रखें, ये तरीका सिगरेट की लत को दूर करने में मदद करेगा।
दालचीनी और शहद
तंबाकू की लत छोडऩे के लिए दालचीनी को बारीक पीस कर उसमें शहद मिलाकर सेवन करें। सिगरेट व गुटका छोडऩे के लिए रोजाना 4 चम्मच प्याज का रस पीएं। इससे भांग भी छोड़ी जा सकती है। किसी भी नशे की लत से मुक्ति पाने के लिए खुद का इरादा मजबूत होना भी जरूरी है।