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एशिया की दूसरे नम्बर की मीठे पानी की कृत्रिम झील में हो रहा यह गंदा काम, शहर के सब लोग मौन

- झील कर रहे दूषित, साबुन से नहा रहे, गंदगी भी पानी में ही, इरिगेशन पाल किनारे गंदगी का ढेर, हवा के साथ पानी में से आने लगी बदबू, शहरी क्षेत्र में होती है पानी की सप्लाई, गंदगी साफ कराने के लिए चलाना चाहिए अभियान

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एशिया की दूसरे नम्बर की मीठे पानी की कृत्रिम झील में हो रहा यह गंदा काम, शहर के सब लोग मौन

राजसमंद झील के इरिगेशन पाल के निकट जमा गंदगी

राजसमंद. एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील को कुछ लोग गंदा करने पर तुले हैं। झील में नहाने और कपड़े धोने के लिए साबुन का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही झील में फैली गंदगी के कारण हवा के साथ बदबू आने लगी है। ऐसे में अभियान चलाकर इसे साफ करवाया जाना चाहिए।
राजसमंद झील का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बिपरजॉय तूफान के तहत आई गोमती नदी और अब मानसून की बारिश के कारण झील का जलस्तर 22 फीट के करीब पहुंच गया है। झील में गोमती नदी से बहकर आई गंदगी और झील के तल में फैली गंदगी पानी के ऊपर तैरने लगी है। पानी के साथ बहकर आई जलीय वनस्पति और खरपतवार भी साफ दिखाई दे रही है। इसमें जलीय वनस्पति के साथ प्लास्टिक की बोतल, थर्माकॉल, खाली पव्वे, पॉलीथिन आदि झील के किनारों पर एकत्र हो गए हैं। यह देखने में भी अच्छी नहीं लगती हैं। इसमें उलझ कर मछलियां भी मर रही है। इसके कारण कई बार हवा के साथ पानी में बदबू आने लगी है। इसके कारण झील पर वॉक करने वाले लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर अभियान चलाकर झील में फैली गंदगी को साफ करना चाहिए।

नगर परिषद से करेंगे बात
राजसमंद झील में फैली गंदगी को साफ करने के लिए नगर परिषद से बात करके सफाई कराई जाएगी। पहले भी गंदगी को साफ कराया गया है। अब फिर से झील में गंदगी दिखाई देने लगी है।
-अरुण शर्मा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, राजसमंद