अश्वनी प्रतापसिंह @ राजसमंद. कालीवास पंचायत के राजस्व गांव कोलर गांव में गर्मियों से पहले ही पेयजल संकट गहराने लगा है। गांव में लगे चार हैंडपंपों में से तीन खराब है तथा चौथा भी सांसें भरने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों के सामने पानी की काफी किल्लत है। सबसे ज्यादा समस्या स्कूल के मासूम बच्चों को है। स्कूल का हैंडपंप खराब होने से पोषाहार करने के बाद बच्चों को पानी पीने, बर्तन धोने के लिए करीब डेढ़ सौ मीटर दूर हैंडपंप में जाना पड़ता है।
करीब 300 की आबादी वाले कोलर गांव में चार हैंडपंप लगे हैं। एक स्कूल के अंदर तथा तीन अन्य स्थानों पर लगे हैं। गांव के दो हैंडपंप लम्बे समय से खराब है जबकि स्कूल के अंदर लगा नल करीब 10 दिन पूर्व खराब हो गया है। एक अन्य नल में बदबूदार पानी आता है, जिसका होना, न होना एक समान है।
मासूम हो रहे परेशान
गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय है, जिसका हैंडपंप खराब होने से बच्चों को पानी के लिए करीब डेढ़ सौ मीटर दूर लगे हैंडपंप पर जाना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को पोषाहार से पहले हाथ धोने तथा बाद पानी पीने, बर्तन धोने के लिए हैंडपंप या अपने घरों में जाना पड़ता है, जिससे बच्चों का काफी समय पानी से जूझते हुए निकल जाता है।
4 दिन में आता है बाघेरी का पानी
गांव में बाघेरी जल परियोजना के तहत एक सार्वजनिक नल लगा है, जिसमें चार दिन के अंतराल से आधे घंटे के लिए पानी दिया जाता है। जो ग्रामीणों को मांग के अनुरूप एक दिन का भी नहीं है। ऐसे में ग्रामीण हैंडपंपों के भरोसे हैं।
जानकारी नहीं है…
मुझे ग्रामीणों ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की है। कुछ दिन पूर्व हैंडपंप मिस्त्री आया था, उसने यह जरूर कहा था कि पाइप बदलना है। मैं पता करवाता हूं।
-करणसिंह, उपसरपंच, कालीवास
ग्रामीणों की शिकायत मुझे नहीं मिली है। फिरभी अगर पानी की समस्या है तो मैं कल ही पता करवाती हूं।
-मंजू यादव, सचिव, ग्राम पंचायत, कालीवास