रबी अभियान 2023-24 के तहत जिले में 1,63,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर रबी फसलों की बोआई की जानी है। इसके मुकाबले करीब 65 प्रतिशत क्षेत्रफल पर फसलों की बुवाई हो चुकी है। जिला कृषि अधिकारी नरेन्द्र पाल ने बताया कि वर्तमान में गेंहूं फसल की बुवाई तेजी से चल रही है। रबी फसलों की बुवाई के लिए करीब 24,000 मिट्रिक टन फास्फेट उर्वरक की जरूरत जनवरी 2024 तक होगी, जिसके लिए 22,300 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक मंगा लिया गया है।
अभी तक करीब 17400 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक का बेचा जा चुका है। वितरण के बाद भी लगभग 4,900 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि अगले दो दिन के अन्दर किसानों के जरिए से सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के लिए एक रैक डीएपी की भी मिल जाएगी। इस प्रकार जिले में पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध हैं।
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पर्याप्त मात्रा में मिल गई सप्लाई17,300 मीट्रिक टन यूरिया भी उपलब्ध है। 130 उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर डीएपी, 341 बिक्री केन्द्रों पर एनपीके तथा 542 बिक्री केन्द्रों पर यूरिया की उपलब्धता है। जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की सप्लाई मिल गई है। किसान अपनी जरूरत के हिसाब से ही उर्वरक खरीदें। उर्वरक खरीदते समय अपना आधार कार्ड और भूमि की खतौनी जरूरी तौर से उर्वरक विक्रेता को उपलब्ध कराएं।