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ताे क्या कागजों में बंट गए मास्क-सैनेटाइजर ? जान जाेखिम में डालकर सर्वे कर रही आशाएं

रामपुर में घर-घर सर्वे कर रही आगनवाड़ी कार्यकत्रियों और आशाओं काे मास्क तक नहीं मिल रहे। आशाएं एक ही मास्क काे कई-कई दिन तक पहनकर सर्वे कर रही हैं।

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रामपुर ( rampur news in hindi ) कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच घर-घर सर्वे कर रही आशाओं और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों काे रामपुर में मास्क और सैनेटाइजर तक नहीं मिले। पत्रिका की ग्राउंड रिपाेर्ट में यह बात सामने आई है कि जिला मुख्यालय से इनके लिए मास्क और सैनेटाइज दिए गए लेकिन वह इन तक नहीं पहुंचे।

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रामपुर जिले में कुल 2700 आगंवाड़ी हैं। इनमें 2300 कार्यरत हैं। ज़िले के सभी ब्लाक में काम करने वाली तकरीबन 1500 आगंवानियों और आशाओं को सर्वे करने में लगाया गया है। सभी अपने अपने इलाक़ों में काम करने में जुटी हैं। जब हमने इन आशाओं से बात की ताे इन्हाेंने बताया कि ग्लब्स, सेनिटाइजर, मास्क नहीं मिल रहे हैं। आगंवानी एवं आशाओं काे बेहद सीमित संख्या में ही मास्क मिले जिस कारण उन्हे एक ही मास्क कई-कई दिन तक पहनना पड़ रहा है। जब इस बारे में सीएमओ सुबोध कुमार से बात की गई ताे उन्हाेंने बताया कि जिले में सभी को ब्लाक स्तर पर सीडीपीओ के माध्यम से भरपूर मात्रा में मास्क, ग्लब्स व सेनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं।

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राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओळख के इलाके में कोरोना सम्भावित लोगों के घर डोर टाे डोर सर्वे करने वाली तीन आगंवानी कार्येकत्रियों ने पत्रिका से कहा कि हमें बीते दस दिन में दो मास्क दो ग्लब्स एक सेनिटाइजर की छोटी शीशी दी गई है जाे पहले ही दिन खत्म हाे गए। जब इस बारे में छह ब्लाक के अलग-अलग इंचार्ज से बात की गई ताे उन्हाेंने यही कहा कि उन्हे ना तो मास्क मिला है और ना ही सैनिटाइजर। जो आंगनवाडी कार्यकत्री काम कर रही हैं वह अपने स्तर पर ही बाजार से खरीद कर अपना काम चला रही हैं।


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