उधर, डीएम ने इस मामले में कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि वहां जंजीर शाह मियां का मजार था तो वे अपनी सैलरी से मजार का निर्माण कराएंगे। वह अवैध था और उसका कोई अभिलेख कहीं भी दर्ज नहीं है। जिसको लेकर वह अतिक्रमण हटाया गया था। दरअसल, बीते 30 नवंवर को नगर पालिका ने जिलाधिकारी के आदेश पर कथित जंजीर शाह मियां का मजार को तोड़कर उसका मलबा हटाकर जगह खाली कर दी थी। लोगों का कहना है कि वह सैकड़ों साल पुरानी मजार है। वहीं प्रशासन ने इस तरह की कोई मजार होने का कोई अभिलेख होने से इंकार किया है। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष है।
बताया जा रहा है कि जनपद में डीएम आञ्जनेय कुमार सिंह के खिलाफ जगह-जगह गोपनीये और सार्वजनिक जगहों पर लोगों की बैठक भी हो रहीं हैं। इस क्रम में बुधवार को जिले कि जामा मस्जिद में सभी उलमाओं और मौलानाओं ने भी एक बैठक की। जिसमें डीएम आञ्जनेय कुमार सिंह को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। बैठक में चेतावनी दी गई है कि जिलाधिकारी स्वयं मजार बनवा दें, वरना हम एक समुदाय के लोगों के गुस्से को लेकर कोई बड़ा एक्शन लेंगे।