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शहर काजी और शहर इमाम के विरोध में उतरीं मुस्लिम महिलाएं, बोलीं- हमारे बेकसूर भाईयों को छुड़वाओ

Highlights: -मंगलवार को महिलाएं हाथ में पंपलेट लेकर पहुंचीं और जमकर नारेबाजी की -इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के बेकसूर लोगों की रिहाई की मांग की -पंपलेट पर लिखा था, ' रामपुर के उलमा हाय-हाय, शहर इमाम, शहर काजी इस्तीफा दो'

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रामपुर। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आजम खान के गढ़ रामपुर में भी हिंसक प्रदर्शन हुआ। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कई लोगों को जेल भेज दिया। इसमें कई लोगों को बेकसूर बता शहर की भारी संख्या में महिलाएं जामा मस्जिद पहुंची और उनकी रिहाई की मांग की। साथ ही शहर काजी के इस्तीफे की भी मांग रख दी।

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दरअसल, मंगलवार को महिलाएं हाथ में पंपलेट लेकर पहुंची और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के बेकसूर लोगों की रिहाई की मांग की। महिलाओं के हाथों में जो पंपलेट थे उन पर लिखा था, 'उलमाओं बाहर निकलो, बेकसूरों को रिहा कराओ। रामपुर के उलमा हाय-हाय, शहर इमाम, शहर काजी इस्तीफा दो, हमारे बेगुनाह भाइयों को छुड़वाओ, इंकलाब जिंदाबाद।'

इस बाबत जानकारी देते हुए जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सचिव मुकर्रम रजा ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 100 महिलाएं जामा मस्जिद पहुंची थीं। जिसके बाद उन्हें सफों पर बैठा दिया गया था और उनसे शहर काजी व शहर इमाम ने बात की। महिलाओं को बताया गया कि एसपी का तबादला हो गया है और अब जो नए एसपी से आए हैं उनसे बात की जाएगी। जल्द ही बेकसूरों को इंसाफ दिलाए जाने का भी आश्वासन दिया गया। जिसके बाद महिलाएं करीब एक घंटे बाद वापस चली गईं।

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उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को रामपुर बंद का ऐलान किया गया था। इस दौरान ही हाथी खाना चौराहे पर पुलिस और पब्लिक के बीच टकराव हो गया था। जिसके बाद प्रदर्शन करने रहे लोगों ने जमकर आगजनी, पथराव और फायरिग की। जिसमें एक युवक की मौत भी हो गई और दर्जनभर पुलिसवाले भी घायल हुए। बवाल के दौरान सुतली बम का भी इस्तेमाल किया गया। इस मामले में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए और 141 लोगों को नामजद करते हुए हजारों अज्ञात दर्शाए। साथ ही पुलिस ने 34 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनमें दो लोगों के पास से 15 तमंचे भी बरामद हुए थे।