
यूपी के इस जिले में 165 दुकानें तोड़ी! Image Source - Social Media 'X @Congress'
165 shops demolished congress appeal cm yogi Rampur UP: उत्तर प्रदेश के रामपुर में 165 दुकानों को तोड़े जाने का मामला अब सियासी दृष्टिकोण से तूल पकड़ चुका है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस कार्रवाई को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। कांग्रेस का दावा है कि रामपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) की एकतरफा कार्रवाई के कारण लगभग 900 परिवार विस्थापन और रोज़ी-रोटी के संकट में हैं।
अजय राय ने पत्र में कहा कि इन दुकानों से करीब एक हजार लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्रवाई दुकानदारों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों के जीवन पर सीधा असर डाल सकती है। कांग्रेस ने इसे मानवीय और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
पत्र में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि आरडीए ने 5 अगस्त को नोटिस जारी किया, लेकिन दुकानदारों को यह 22 अगस्त को ही मिला। इसके बाद जवाब देने की अंतिम तारीख केवल 25 अगस्त रखी गई, यानी सिर्फ तीन दिन का समय। इसके अगले ही दिन 26 अगस्त को 23 दुकानदारों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें दुकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया।
कांग्रेस का कहना है कि इस प्रक्रिया ने नागरिकों के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन किया है। उन्होंने इसे न्यायिक प्रक्रिया और नियमों की अवहेलना करार दिया।
कांग्रेस ने यह भी बताया कि प्रभावित दुकानों की भूमि कानूनी रूप से रजिस्ट्री के माध्यम से खरीदी गई है। राजस्व परिषद ने इस भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया है, जिसकी अगली सुनवाई फरवरी 2026 में होनी है।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बावजूद इसके नोटिस और कार्रवाई को न्यायिक आदेश की अवमानना माना जा सकता है। उन्होंने इसे निष्पक्ष और कानूनी दृष्टिकोण से गलत करार दिया।
पत्र में कहा गया कि पिछले तीन महीनों में रामपुर में ही 1000 से अधिक दुकानें तोड़ी जा चुकी हैं। अब इस नई कार्रवाई से दिहाड़ी मजदूरों, मोटर लाइन मरम्मत करने वालों और छोटे व्यापारों से जुड़े परिवारों के सामने विस्थापन और आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है।
कांग्रेस ने चेताया है कि यदि इस प्रक्रिया को रोका नहीं गया, तो यह जल्द ही एक बड़े सामाजिक और आर्थिक संकट में बदल सकता है।
अजय राय ने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए लिखा कि जीवन और आजीविका हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। विकास कार्य ज़रूरी हैं, लेकिन वे नागरिकों के अधिकार और सम्मान से ऊपर नहीं हो सकते।
कांग्रेस ने मांग की है कि प्रभावित परिवारों की सहमति से कम्पाउंडिंग या विनियमितीकरण (Regularisation) की प्रक्रिया अपनाई जाए। साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर आरडीए को नोटिस की कार्रवाई स्थगित करने और न्यायिक आदेश का पालन कराने के निर्देश दें।
Published on:
28 Aug 2025 05:40 pm
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