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यूपी के इस जिले में 162 दुकानों पर चलेगा बुलडोजर, लोगों की रोजी रोटी होगी प्रभावित, दुकानदार चिंतित

Rampur News: रामपुर में एनएच-24 के किनारे स्थित 162 अवैध दुकानों को रामपुर विकास प्राधिकरण (RDA) कल सुबह बुलडोजर से ध्वस्त करेगा।

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rampur nh24 162 illegal shops demolition impact on livelihoods

यूपी के इस जिले में 162 दुकानों पर चलेगा बुलडोजर | Image Source - Pexels

162 illegal shops demolition in Rampur: यूपी में रामपुर विकास प्राधिकरण (RDA) नेशनल हाईवे-24 के किनारे स्थित 162 दुकानों को कल सुबह बुलडोजर के जरिए जमींदोज करने की तैयारी में है। यह कार्रवाई अंबेडकर पार्क से लेकर सीआरपीएफ फोटो चुंगी तक फैली हुई दुकानों पर होगी। प्राधिकरण ने इन दुकानों को अवैध करार दिया है और दुकान मालिकों को आज रात तक कब्जा खाली करने का नोटिस जारी किया है।

कानूनी नोटिस के साथ शुरू हुई तैयारी

आरडीए के अधिकारियों का कहना है कि इन 162 दुकानों का निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया गया था। इसके चलते प्राधिकरण ने सभी दुकानदारों को नोटिस भेजकर उन्हें समय दिया था कि वे अपनी दुकानों से तुरंत कब्जा खाली कर दें। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य राष्ट्रीय हाईवे के किनारे सड़क सुरक्षा और नियामक मानकों को बनाए रखना है।

हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित

इस बड़े कदम के चलते अनुमानित रूप से एक हजार लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। दुकानदारों का कहना है कि अधिकतर दुकानें अस्थायी हैं और यही उनका मुख्य रोजगार का साधन है। कई दुकानदार इस कार्रवाई से चिंतित हैं और अपने रोजगार को बचाने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लेने की तैयारी कर रहे हैं।

मालिकाना हक साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई

कुछ दुकानदारों ने अपना मालिकाना हक साबित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में संजय नरूला, परविंदर सिंह, नूर सबा, अदनान, गुलवेज खां, आरिफ खां, साजिद, जुनैद और जावेद जैसे दुकानदार शामिल हैं। इस मामले की सुनवाई 4 सितंबर को होगी और अदालत के आदेश के बाद ही अंतिम कार्रवाई की दिशा तय होगी।

प्रभावित दुकानदारों को राहत और पुनर्वास की संभावनाएं

स्थानीय लोगों और दुकानदारों का कहना है कि यदि कार्रवाई बिना कोई राहत योजना के की जाती है, तो इससे ना सिर्फ उनकी आजीविका प्रभावित होगी बल्कि हाईवे के किनारे व्यापारिक गतिविधियों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। प्राधिकरण ने फिलहाल इस मामले में पुनर्वास योजना पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन संभावना है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।