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आजम खान के गढ़ में ‘सैकड़ों’ साल पुरानी मजार पर चला बुलडोजर, डीएम बोले- होती थीं गलत क्रियाएं

locationरामपुरPublished: Dec 01, 2020 09:19:39 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-जिलाधिकारी ने बताया कि ये जगह उद्धान विभाग की थी
-उद्धान विभाग की जमीन पर मजार होने का कोई नक्शा नहीं है
-मजार हटाने के दौरान छावनी में तब्दील हुआ एरिया

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

रामपुर। नगर पालिका के बुलडोजर ने कथित सैकड़ों साल पुराने मजार को जमींदोज कर मजार का मलवा भी वहां से उठाकर दूसरी जगह फेंक दिया है। बताया जा रहा है कि सैकड़ों साल पुरानी इस मजार पर हुई कार्रवाई को लेकर मजार की सेवा करने वाले समेत लोगों में रोष है। वहीं रामपुर जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि ये जगह उद्धान विभाग की थी। उद्धान विभाग की जमीन पर मजार होने का न तो कोई नक्शा है और न ही उस मजार को लेकर कोई इतिहास है। कुछ लोगों ने यहां पर ये बना दिया।
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आरोप है कि यहां पर गलत क्रियाएं होती थीं। विकास के कार्यों को आगे बढ़ाना है, उसी को ध्यान में रखकर ये कार्रवाई की गई है। डीएम ने ये भी साफ किया है कि अगर यहां पर मजार होता तो उसके अभिलेख भी होते। पर उक्त मजार को लेकर कोई इतिहास व रिकार्ड न तो नगर पालिका में हैं और ना ही रजा लाइब्रेरी की किसी किताब में। इस मजार का कोई जिक्र होना नहीं पाया गया है। मजार के नाम का सवाल है तो जंजीर वाले बाबा का मजार बरेली में हैं। यहां पर कोई नहीं।
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दरअसल, सोमवार सुबह नगरपालिका की एक जेसीबी मशीन भारी पुलिस फोर्स के साथ एशिया की सुप्रसिद्ध बनी रजा लाइब्रेरी के ठीक सामने पार्क में पहुंची। इस दौरान पूरे रजा लाइब्रेरी कैंपस को चारों तरफ से छावनी में तब्दील कर दिया गया और फिर अंदर यह कार्रवाई चली। मजार को तोड़ने के बाद बैरिकेडिंग लगाकर मलबा भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। जानकारी के अनुसार मजार पर एक तख्ती लगी थी। जिस पर लिखा था जंजीर वाले बाबा। अधिकारियों के मुताबिक जंजीर वाले बाबा का जब अभिलेख तलाशा गया तो ना तो उनका कोई रिकॉर्ड नगर पालिका में मिला और ना ही किसी अन्य नक्शे में जंजीर वाले बाबा की मजार होना पाया गया। ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे अवैध मानते हुए तोड़ दिया गया।
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