रांची। झारखंड सरकार की सहयोगी पार्टी आजसू ने स्थानीयता के मुद्दे को लेकर सीएम और सरकार पर जमकर तंज कसे। पार्टी की ओर से कहा गया है कि स्थानीयता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को अवगत कराने के बाद भी अब तक संशोधन नहीं किया गया है। सरकार जनता पर अपना निर्णय न थोपे।
आजसू ने अपने विधायकों को निर्देश दिया कि सदन में तल्ख तेवर अपनाएं। स्थानीयता, 73 फीसदी आरक्षण, मजदूरों के पलायन और विधि व्यवस्था पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराएं। राज्यसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री और पुलिस के एक अफसर के स्टिंग की जांच स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए।
कांके रोड स्थित सुदेश महतो के आवास पर बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, महासचिव ज्योति चौधरी,और प्रभाकर तिर्की ने कहा कि प्रदेश में विधि व्यवस्था चौपट हो गई है। पुलिस से जनता का विश्वास उठ गया है। तोपचांची के इंस्पेक्टर उमेश कच्छप और बुंडू के नाबालिग रूपेश स्वांसी की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।