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रवि सिन्हा की रिपोर्ट...
(रांची): झारखंड के विभिन्न जिलों में भूख से मौत की खबर मिलने के बाद राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य़ सुरक्षा से वंचित जरूरतमंद परिवारों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष के गठन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में मंगलवार को रांची में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे और खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि हर पंचायत और वार्ड के स्तर पर आकस्मिक खाद्यान्न कोष के गठन का निर्णय लिया है। खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि वैसे तो राज्य की 80 फीसदी जनता खाद्य आपूर्ति विभाग की योजनाओं का लाभ ले रही है, बाकी 20 फीसदी लोगों के लिए विभाग की तरफ से आकस्मिक खाद्यान्न कोष की योजना तैयार की गई है।
यूं मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत ऐसे व्यक्ति या परिवर, जिसका कोई भी सदस्य कमाई नहीं करता हो, उसे इस कोष से 10 किलो अनाज अविलंब दिया जाएगा। इस काम के लिए हर पंचायत और नगर निगम के वार्ड को 10,000 रुपए दिये जाएगे। इसके अलावा डीसी के पास पांच लाख रुपए इस काम के लिए अलग से रहेगा। हर उस गरीब को इसका लाभ मिलेगा, जिसका सत्यापन पंचायत या वार्ड स्तर का कोई जनप्रतिनिधि कर दे। जिसे भी यह लाभ दिया जाएगा, उसके राशन कार्ड बनाने का काम भी साथ ही साथ शुरू हो जाएगा। इस योजना पर सरकार करीब 6,67,80,000 रुपए खर्च करेगी।
ग्राम समितियों की मार्गनिर्देशिका पर मुहर कैबिनेट की तरफ से पहले से ही लग चुकी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह समितियां काम किस तरह से करेंगी, उस संबंध में मार्गनिर्देशिका को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पांच लाख रुपए तक के वे सारे काम, जो कच्चे या अर्द्ध पक्के के होंगे, उन्हें ये समितियां करेंगी।
नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए यह प्रयास
सरेंडर करनेवाले ए कैटेगरी के नक्सलियों को अब छह लाख रुपए नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार ने सरेंडर के बाद उन्हें देने वाली योजनाओं में और ज्यादा रियायत की है। गृह विभाग और कैबिनेट विभाग के सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि 2009, 2012 और 2015 में इस संबंध संशोधन हो चुका है। एक बार फिर से इस मामले में संशोधन किया गया है। पहले ए कैटेगेरी (जोनल कमांडर और उससे ज्यादा बड़े नक्सली) के नक्सलियों को सरेंडर करने पर पांच लाख रुपए दिए जाते थे, अब उन्हें छह लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं, बी कैटेगेरी (जोनल कमांडर से नीचे) को 2.5 से बढ़ाकर राशि तीन लाख रुपए कर दी है।
Published on:
27 Jun 2018 02:16 pm
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