12 लाख करोड़ रुपए का सोना ही नहीं, सोनभद्र के बारे में ये पांच बातें जानकर रह जाएंगे हैरान
दरअसल सोनभद्र जिले के दुद्धी ब्लॉक के महुली में कनहर नदी के किनारे जिस शिव पहाड़ी में अकूत सोने के भंडार का पता चला है, वहां से पहले भी भारी मात्रा में सोना मिल चुका है। बताया जा रहा है कि इसी शिव पहाड़ी से करीब पौने दो सौ साल पहले खुदाई करने पर श्री बंशीधरजी की अद्भुत और अद्वितीय आदमकद प्रतिमा मिली थी। खास बात है कि यह मूर्ति 32 मन सोने से बनी थी।
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बंशीधर मंदिर के पुजारी और तत्कालीन इतिहासकारों के मुताबिक नगरगढ़ की रानी शिवमानी कुंवर को एक स्वप्न आया था। इसके बाद पहाड़ी की खुदाई की गई। इसके बाद बाबा वंशीधर की करीब 32 मन वजन की सोने की जीवंत प्रतिमा मिली। तब इसे वहां से झारखंड की सीमा (तब नगरउंटारी स्टेट में) वर्तमान में गढ़वा जिले के नगरउंटारी में स्थापित किया गया। बाबा बंशीधर की प्रतिमा यहां कैसे पहाड़ी में गड़ी हुई थी, आज तक यह शोध का विषय बना हुआ है। अब इस पहाड़ी में दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार का पाया जाना दुनिया के लोगों को और चौंका कर रख दिया है।
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बता दें कि सोनभद्र की शिव पहाड़ी सोने का अकूत भंडार मिला है। अधिकारियों के मुताबिक इस जिले में स्थित पहाड़ियों में दो जगह सोने के भंडार मिले है। यह सोना भूमिगत है। भूतत्व विभाग की ओर से खोजे कए इस सोने को निकालने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इनके खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया से पूर्व जिओ टैगिंग की कार्रवाई शुरू की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने आठ साल ही पहले जमीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी। बीते 15 साल से यहां सोने के भंडार की तलाशी का काम किया जा रहा था। जिस पहाड़ी मे सोना मिला है, उसका रकबा 108 हेक्टेयर बताया जा रहा है।सोने के भंडार की कीमत 12 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। वैसे इसके अलावा भी क्षेत्र के पहाड़ियों में कई बेशकीमती खनिज सम्पदा होने की बात खासी चर्चा है। यूरेनियम होने की भी संभावना बताईं जा रही है. स्वर्ण भंडार मिलने और यूरेनियम का भंडार होने के अनुमान से क्षेत्र के आसपास के पहाड़ियों में विगत 15 दिनों से हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वे भी किया जा रहा है। पहाड़ी पर पिछले 15 वर्षों से भूतत्व व खनिकर्म विभाग की टीम टेंट तम्बू लगाकर डेरा जमाए हुए है।