रतलाम। कालिका माता मेला प्रांगण में नगर निगम के सांस्कृतिक मंच पर रविवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हास्य-वीर और देशभक्ति से ओतप्रोत कविता पाठ के साथ चुनावी मौसम में कवि सम्मेलन में मतदान को लेकर बड़ी बात कही। हास्य व्यंगों ने श्रोता को देर रात तक गुदगुदाया। सम्मेलन की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई।
राव अजात शत्रु ने जैसे ही चुनावी सरगर्मी में मतदान करने पर जोर देते हुए कहा...जैसे मानव के शरीर में प्राण जरूरी है। अधरो पे मोहक सी ये मुस्कान जरूरी है... वैसे ही मतदाता का मतदान जरूरी है। क्रांति संस्कारों की धरती है, करने को आबाद, कविता जिन्दा हमारी कविता जिन्दाबाद।
जॉनी बैरागी ने खूब हंसाया
कवि सम्मेलन में मालवा के रजनीकांत जॉनी बैरागी ने एक घंटे निरंतर काव्यपाठ करके समा बांध दिया। लोग पेट पकड़कर हंसते रहे, हास्य कवि जॉनी एक बार फिर रतलाम की धरती पर पाठ करके अपनी छाप छोड़ दी। गोपाल धुरंधर ने कहा...गोपाल धुरंधर का सीधा तर्क है, जिस घर बेटी नहीं वह घर नर्क है।
हमने भी करदी शायरी यारो के बीच में
भीलवाड़ा से आए दीपक पारीक ने अपनी कविता पाठ करते हुए कहा गुजरा जो वक्त आज बहारों के बीच में। हमने भी करदी शायरी यारो के बीच में।। रिश्ते सुधारने है तो दीवार तोड़ दो। क्यों झांकते हो रोज दरारों के बीच में। कवियत्री प्रिया खुशबू ने...तुम अधुरे नहीं हो हमारे बिना, फिर भी पूरे नहीं हो हमारे बिना, चाहे कितनी भी रंगी हो जाओ तुम पर सुनहरे नहीं हो हमारे बिना सुनाकर खूब तालियां बटोरी। अपूर्वा चतुर्वेदी आदि कवियों ने भी कविता पाठ कर श्रोताओं का मनोरंजन किया।