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मध्यप्रदेश के रतलाम में बढ़ रहा वायु प्रदूषण

दीपावली के दौरान 169 के करीब पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर अब 85 से 89 के बीच पहुंच गया है।

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Air pollution in Varanasi

Air pollution in Varanasi

रतलाम। देश में इन दिनों राजधानी दिल्ली का प्रदूषण सुर्खियों में है और सर्वोच्च न्यायालय तक को मामले में दखल देना पड़ा है। दम घुटते एनसीआर के समाचारों के बीच रतलाम शहर में नवंबर की शुरूआत के साथ राहत की आबोहवा है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में तेजी से बढ़ रहे एक्यूआई के आंकड़े सर्दी की शुरूआत वाले माह में चहलकदमी कर रहे है तो सुबह की हवा अपेक्षाकृत कम प्रदूषित हो रही है। दीपावली के दौरान 169 के करीब पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर अब 85 से 89 के बीच पहुंच गया है।

Air Pollution : दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब" src="https://new-img.patrika.com/upload/2019/10/17/2_12_5322856-m.jpg">

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में दीपावली के दौरान रतलाम शहर 24 से 30 अक्टूबर के मध्य के वायु प्रदूषण में तीसरा सर्वाधिक वायु प्रदूषित शहर था। रतलाम में इस अवधि के दौरान एक्यूआई 121 से दर्ज होते हुए 25 अक्टूबर को 169 तक पहुंच गया था। दीपावली के एक दिन बाद एक्यूआई का स्तर 143 के करीब रहा है। वायु प्रदूषण का यह स्तर बीते साल दीपावली के दौरान की अवधि से ज्यादा माना गया। बीते साल 62 एक्यूआई के साथ रतलाम शहर का स्थान प्रदेश में करीब 44वां था, लेकिन नवंबर शुरूआत के साथ ही एक्यूआई का स्तर लगातार कम हो रहा है। एक से 5 नवंबर के बीच शहर की आबोहवा अक्टूबर माह की अपेक्षा कम प्रदूषित है।

25 अक्टूबर को 169, 3 नवंबर 89 का आंकड़ा
24 अक्टूबर को एक्यूआई का स्तर 125 था तो 25 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 169 रेकॉर्ड किया गया। 26 अक्टूबर को 112, 27 को 118, 28 को 115 व 31 अक्टूबर को 161 के करीब रहा एक्यूआई नवंबर के पहले दिन 139 के स्तर पर आने के बाद कम होने लगा है। 2 नवंबर को 138, 3 व 4 नवंबर को 89 तो 5 नवंबर को आंशिक बढ़ोतरी के साथ एक्यूआई का स्तर 98 रेकॉर्ड किया गया है। जानकारों की माने तो इस अवधि में सुबह के समय सर्दी की शुरूआत वाली हवाएं कम प्रदूषित रही है।


सड़कों को सुधार दिया जाए तो और कम होगा प्रदूषण
शहर मेें वायु प्रदूषण बढऩे का बड़ा कारण खराब सड़कों, धूल कणों को भी माना जा रहा है। बारिश के दौरान उखड़ी ज्यादातर सड़कों पर अब तक पेंचवर्क पूरा नहीं हो पाया है। कॉलेज रोड, न्यूरोड, दो बत्ती चौराहा से डाट की पुल, पॉवर हाउस रोड, नहारपुरा रोड पर अब भी बड़े-बड़े गड्ढे और उनमें बार बार डाली जा रही मूरम उड़ती नजर आती है।
अगर इन सड़कों को समय पर सुधार दिया जाए तो वायु प्रदूषण का आंकड़ा कम होगा।

IMAGE CREDIT: patrik


कई कारणों से प्रदूषण बढ़ता
वायु प्रदूषण के लिए एक या दो कारण जिम्मेदार नहीं होते, बल्कि हर शहर और क्षेत्र में कई कारणों से प्रदूषण बढ़ता है। बड़े शहरों में एक साथ कई कारण होने से एक्यूआई का स्तर औसत मानक को पार कर जाता है। रतलाम जैसे शहर में स्थानीय कारण वायु प्रदूषण के आंकड़ों में कमी-बढ़ोतरी कराते है, सभी को जागरूक होना पड़ेगा।
- एसएन द्विवेदी, प्रभारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन