
लापरवाही के काम में कहीं धंसी सड़क, तो कहीं बही पुलिया
बारिश ने दिखाया शहर के रेस्टोरेशन को आइना
फौरीतौर पर किए गए रेस्टोरेशन में फंस रहे हैं वाहन, सड़कें उखड़कर हो गई खराब, आधा शहर हो रहा है हलाकान
रतलाम.सीवरेज के लिए खोदी गई शहर की सड़कों का ठीक से रेस्टोरेशन नहीं करने का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों ने रेस्टोरेशन कार्य को संतोषजनक बताकर उस समय जनप्रतिनिधियों को चूप करवा दिया था किंतु पहली ही जोरदार बारिश ने रेस्टोरेशन की हकीकत सामने ला दी है। इससे साफ हो गया है कि जो काम किया गया था वह कितना घटिया और कामचलाऊ था। हालात यह है कि जहां रेस्टोरेशन किया गया है वहां की सड़कें बैठ गई है और उनमें वाहन धंसने लगे हैं। कुछ जगह तो रेस्टोरेशन का कार्य पूरी तरह उखड़कर खत्म हो गया है।
मिट्टी भरकर कर दिया रेस्टोरेशन
शहर में जहां भी सीवरेज लाइनें डाली गई वहां कंपनी ने जिम्मेदारों के साथ मिलकर शहर की जनता को चूना लगाने के लिए केवल मिट्टी डालकर रेस्टोरेशन कर दिया और ऊपर दिखाने के लिए डामर चढ़ा दिया। रोटरी हाल के पास डाली गई सीवरेज लाइन के बाद सड़क का रेस्टोरेशन किया गया था। यह कैसा रेस्टोरेशन है इसकी हकीकत गुरुवार को सामने आ गई जब बच्चों से भरी मैजिक वाहन के पहिये इसमें धंस गए। बड़ी मुश्किल से मैजिक को बाहर निकाला गया।
हर तरफ ऐसा ही नजारा
शहर में सीवरेज लाइन डालने के नाम पह पहले सड़कों का काम रोका गया और खोदी गई सड़कों का ठीक से रेस्टोरेशन नहीं किया गया। हालत यह है कि चारों तरफ सड़कों की हालत खराब हो चुकी है। कुछ ऐसे ही हालात पैलेस रोड से सूर्यमुखी हनुमान मंदिर तरफ जाने वाल मार्ग पर भी है। यहां भी रेस्टोरेशन के दौरान किया गया डामर धंस गया। उधर बजरंगनगर और अर्जुननगर में भी इतना घटिया तरीके से रेस्टोरेशन किया गया कि बारिश के बहाव में सड़क उखड़ गई।
छत्रीपुल का बायपास पर कटाव से आवागमन बंद
रतलाम. छत्रीपुल निर्माण के दौरान यातायात को बायपास से निकालने के लिए अस्थायी रूप से नाले पर बनाए गए बायपास को लेकर पिछले दिनों से हो रह बारिश में खराब होने की आशंका जताई जा रही थी। गुरुवार को सुबह हुई तेज बारिश ने यह आशंका सही साबित कर दी और बायपास की मिट्टी में काफी कटाव हो गया। इससे इससे आवागम बंद करना पड़ गया। इसे सुधारने के लिए छत्रीपुल निर्माण करने वाली फर्म के कर्मचारी और मशीनें दिनभर लगे रहे किंतु शाम तक इसे सुधारा नहीं जा सका था।
हजारों वाहनों की आवाजाही
छत्रीपुल जब सही हालत में था स्टेशन से चांदनी चौक या कॉलेज जाने वालों के लिए यह मुख्य मार्ग रहा है। पुस का एक हिस्सा टूटने के बाद से कनेक्टीविटी कम हो गई और लोग दूसरे रास्ते का इस्तेमाल करने लगे। बायपास बनने के बाद भी हर दिन हजारों वाहन इससे गुजर रहे हैं। गुरुवार को इसकी मिट्टी बहने से हजारों वाहन चालक दिनभर परेशान होते रहे। इस वजह से कलेक्टोरेट परिसर से होकर मच्छी दरवाजा वाले पुल पर यातायात का दबाव बढ़ गया। नई रपट चालू नही ंहोने से मच्छी दरवाजा पुल पर दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती रही।
नए रपट में फंसी लकडिय़ां
मच्छी दरवाजा के यहां करीब ३६ लाख की लागत से बनाई जा रही रपट में पहली ही बारिश में जो नजारा देखने को मिला है उससे भारी बारिश के दौरान होने वाली असुविधा को समझा जा सकता है। पाइपों में सेे पानी निकालने की यहां कोशिश उस समय फेल होती दिखाई दी जब पानी में बहकर आई लकडिय़ां या अन्य सामग्री इन पाइप से निकल नहीं पाई और फंस गई। तेज बारिश के दौरान इस नाले में पानी का बहाव काफी रहता है। ऐसे में सारे पाइप बंद हो जाते हैं तो पानी ऊपर से हगेगा जिसे यह रपट पूरी तरह अनुपयोगी साबित हो सकती है।
Published on:
29 Jun 2018 05:12 pm
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