
भागवत में ज्ञान, वैराग्य और भक्ति एक साथ विराजते है, इसे सुनने-पढऩे से कल्याण होता
रतलाम। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन कथा में असंख्य श्रद्धालु उमड़े। कई संस्थाओं व संगठनों ने व्यासपीठ पर विराजित महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज का सम्मान किया। कथा आयोजक विधायक, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप का भी इस मौके पर अभिनन्दन किया गया। श्री हरिहर सेवा समिति के तत्वावधान में काश्यप परिवार द्वारा विधायक सभागृह में आयोजित कथा समाप्ति पश्चात श्रीमद् भागवत को शोभायात्रा के रूप में विदा किया गया।
महामण्डलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज ने अंतिम दिन की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भागवत में ज्ञान, वैराग्य और भक्ति एक साथ विराजते है। इस कथा को सुनने और पढऩे से अवश्य कल्याण होता है। श्रीमद् भागवत सप्ताह के दौरान विधायक सभागृह में जिस तरह सभी समुदाय एकजुट हुए वैसे ही देश और धर्म के लिए एकजुट होकर आगे बढ़े। इससे मेरी कथा सफल हो जाएगी। महाराज ने प्रेरक संदेशों में परिवारों को बचाने, बच्चों को संस्कारित करने, आहार शुद्ध रखने, कमियों की बजाय खुबियां देखने, छोटी-छोटी बातों को महत्व नहीं देने, अभिमान से दूर रहने, संबंधों को बनाए रखने, गौ माता का रक्षण एवं संवर्धन करने और भविष्य का के बजाए वर्तमान को महत्व देकर धर्मपथ पर चलते हुए मनुष्य जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। उन्होंने आयोजक परिवार सहित सभी शहरवासियों का जीवन मंगलमय व कल्याणकारी होकर सुख व शांतिमय बितने का आशीर्वाद प्रदान किया।
आयोजक परिवार के चेतन्य काश्यप, नीता काश्यप, सिद्धार्थ काश्यप, श्रवण काश्यप ने महाराज का सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। समिति अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट का काश्यप का अभिनन्दन किया। इस मौके पर क्षेत्रीय पार्षद प्रहलाद पटेल, बाबूलाल पटेल ने काश्यप का रजत मुकुट पहनाकर सम्मान किया। वैश्य महासम्मेलन, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ द्वारा काश्यप का अभिनन्दन किया गया। संचालन सुनील भट्ट ने किया।
धर्म सृष्टि का संविधान है, का अनुसरणरू:काश्यप
कथा समापन अवसर पर आयोजक, विधायक, राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने कहा कि विधायक सभागृह का निर्माण रतलाम की आध्यात्मिक धरा पर एक स्थान विकसित करने के उद्देश्य किया गया है। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित कई विशिष्टजनों ने उपस्थिति दर्ज कराई। महाराज के शब्दों में धर्म सृष्टि का संविधान है और इस आयोजन के माध्यम से उसी का अनुसरण हुआ है। धर्म आराधना की यह गंगा बहती रहे। वे लोकसन्त श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वर महाराज की प्रेरणा पाकर गरीबी से मुक्ति और युवाओं में विश्वास पैदा करने के भाव से राजनीति में आए थे। इन संकल्पों को पूरा करने के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे।
इन्होंने किया महाराज का सम्मान
सातवें दिन की भागवत कथा का शुभारंभ आयोजक परिवार के सिद्धार्थ काश्यप ने पौथीपूजन कर किया। इसके बाद श्री ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, श्री सनातन धर्म सभा एवं मानव कल्याण न्यास, द्वारकाधीश आदर्श हिन्द व्यायामशाला, श्री धर्मदास जैन श्रीसंघ, श्री खरतरगच्छ जैन श्रीसंघ, श्री आराधना भवन जैन ट्रस्ट, श्री साल्वी सिर्वी समाजए, श्री मारवाड़ी सेन समाज, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, श्री खण्डेलवाल समाज, श्री प्रभु प्रेमी संघ, श्री रघुवीर सेवा ट्रस्ट आश्रम, श्री सनातन धर्मसभा महारूद्र यज्ञ समिति महिला मण्डल, श्री मारवाड़ी सोनी महिला मण्डल, श्री वैष्णव बैरागी समाज, जूना गुजराती लोहार सुथार पांचाल समाज, श्री अभा रजक महासंघ, अभा बलाई समाज, श्री सज्जन क्षत्रीय समाज राजपूत बोर्डिंग, संयुक्त राजपूत समाजए, श्री राजपूत महिला मण्डल, श्री नागर ब्राह्मण समाज,ए भारतीय मजदूर संघ, औदिच्य ब्राह्मण सभा, श्रीमाली समाज महिला मण्डल, शिवाजी विराट ग्रुप त्रिध? योग ?? सेन्टर, श्री मुस्लिम मेव तंजीम समाज, मीर समाज, गद्दी समाज, अजजा मोर्चा, उन्नत किसान तीतरी, आदिवासी एकता परिषद्, श्री जांगिड़ ब्राह्मण समाज, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना एवं महिला इकाई आदि संस्थाओं ने महाराज का स्वागत सम्मान कर कथा आयोजक काश्यप का अभिनन्दन किया।
यह संसार मुसाफिर खाना है परिवार कैद खाना है, कसाय कत्लखाना है, शरीर पापखाना है
उपदेश मेवाड भुषण गुरुदेव गौतम मुनि महाराज ने नीमचौक स्थानक की धर्मसभा में कहा
रतलाम। इंसान धन को अमृत मानता है धन के लिए प्राणों की बाजी लगा देता है, लेकिन अंत समय पर परिवार के लोग डनलप के गद्दे से उतार कर पुरानी गादी पर सुला देते है। जिस परिवार के लिए आपने पुरे जीवनभर अच्छे बुरे रास्ते से धन कमाया वो ही परिवार एक गद्दे भी आपके लिए बिगाडऩा नहीं चाहता है। यह जिंदगी बहुत छोटी सी है न जाने कब रूक जाएगी। यह संसार मुसाफिरखाना है परिवार कैदखाना है, कसाय कत्लखाना है, शरीर पापखाना है । धर्म की आड में कसायों को मजबुत मत बनाओ कसाय जितना कम होगा मोक्ष उतना नजदीक होगा। बहुत ही पुण्योदय से मनुष्य जन्म मिला है इसे व्यर्थ नहीं गवाना है सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हुए मोक्षमार्ग को सरल बनाना है। यह उपदेश मेवाड भुषण गुरुदेव गौतम मुनि महाराज ने नीमचौक स्थानक की धर्मसभा में व्यक्त किए।
पुज्यश्री वैभवमुनि ने फरमाया की हमें कुबु़ि़़द्ध का त्याग कर सुबुद्धि अपनाना है । इस दुनिया में अपना कुछ नहीं है । अपना है तो केवल स्ंवय की आत्मा है बाकि सब मिथ्या हैं । अपनी सुबुद्धि को आत्मा में लगाओ सत्य को खोजने में लगाओ। आत्मा के भीतर जो ज्ञानमय, दर्शनमय एंव चारित्रमय स्वरूप है उसको प्राप्त करने में इंसान को अपनी सुबुद्धि लगाना चाहिए । महासती श्यामाजी ने फरमाया की प्रभु महावीर ने बताया है कि शरीर नाशवान है । जैसे कांच की खुबसुरत बोटल सबको सुंदर लगती है लेकिन वो ही बोटल अगर फुट जाए तो चुभने लगती है। हमारा ये शरीर भी उस कांच की बोटल के समान है हमें इससे मोह नही रखना चाहिए क्योंकि यह नाशवान है क्षणभंगुर है।
धर्मसभा का संचालन मंत्री गुणवंत मालवी ने किया । संघ अध्यक्ष प्रेमकुमार जैन व संघ महामंत्री अजय खमेसरा ने बताया कि नीमचौक स्थानक पर संत सतियों के प्रवचन प्रतिदिन प्रात: 9 से 10 बजे हो रहे है ।
अहंकार का विसर्जन हो तो प्रेम का सृजन होता है
श्रीराम कथा का वाचन करते हुए पंडित श्याम मनावत ने धर्मसभा में कहा
रतलाम। अहंकार रूपी शिव धनुष को तोड़ा गया तब श्री जानकीजी ने रामजी को वरमाला पहनाई। जब जीवन से अहंकार समाप्त हो तो प्रेम का अकुंरण होता है। भगवान परशुराम फिर रामजी को विष्णु का सारंग धनुष सौंप देते है। यह धनुष पुरुषार्थ का प्रतीक है। गृहस्थाश्रम के लिए दो ही तत्व आवश्यक है। पहला प्रेम और दूसरा पुरुषार्थ है। प्रेम और पुरुषार्थ का संगम ही विवाह है। ये विचार मानस मर्मज्ञ पंडित श्याम मनावत ने व्यक्त किए। माहेश्वरी भवन कसेरा बाजार में चल रही रामकथा में आज राम जानकी विवाह महोत्सव मनाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर कथा का लाभ ले रहे है। पंडित मनावतजी ने कहा कि बैरागी जनक की नगरी में अनुरागी परमात्मा का आता ही धनुष यज्ञ है। विश्वामित्र जैसे महामुनि ही ब्रह्म से शक्ति का मिलन कराते है।

Published on:
30 May 2018 05:14 pm
बड़ी खबरें
View Allरतलाम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
