
Mp kAMLNATH
रतलाम। आखिरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ की राह खोल दी। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव कैम्पेन कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मालवा के प्रमुख शहरों रतलाम, मंदसौर और नीमच में राजनीतिक माहौल बदल जाएगा। करीब 12 विधानसभाओं वाले इस क्षेत्र में भाजपा के कमल ने परचम लहरा रखा है।
रतलाम की 5, मंदसौर की 4 और नीमच की 3 विधानसभाओं पर कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद बड़ा राजनीतिक बदलाव हो सकता है। बीते एक साल से अरूण यादव के नेतृत्व में यह क्षेत्र किसान आंदोलन के बाद कांग्रेस सहित देश के कई बड़े दलों के लिए राजनीतिक आंदोलनों व आयोजनों का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। हाल ही में किसान संगठनों ने एक से 10 जून तक फिर से आंदोलन की चेतावनी दे दी है। ऐसे में कमलनाथ के नेतृत्व में मालवा के इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और आक्रामक होकर भाजपा के खिलाफ मैदान में होगी, विशेषकर मंदसौर में कांग्रेस को टॉनिक मिलेगा।
रतलाम से रहा है कमलनाथ का गहरा रिश्ता
रतलाम जिले की ५ विधानसभाओं पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। सांसद कांतिलाल भूरिया और कमलनाथ के संबंध राजनीतिक तौर पर सहमति वाले माने जाते है। ऐसे में सांसद भूरिया की दखल वाले इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस अब कमलनाथ और सांसद भूरिया की जुगलबंदी का लाभ ले सकती है। भाजपा को यहां फिर से पैठ बनानी पड़ेगी।
मंदसौर-नीमच में भी कांग्रेस को मिलेगा सहारा
मंदसौर और नीमच जिले की 7 विधासभाओं में से ६ पर भाजपा और सुवासरा में कांग्रेस के हरदीपसिंह डंग विधायक है। डंग का प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ समर्थकों में नाम है। वहीं, राहुल गांधी की कोर कमेटी में रहने वाली पूर्व सांसद मिनाक्षी नटराजन भी कमलनाथ को लेकर सहज है। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और कांग्रेस में शामिल हुए पारस सकलेचा भी कमलनाथ के साथ काम कर चुके है। ऐसे में ये क्षेत्र भी और मजबूत होंगे।
Published on:
26 Apr 2018 02:11 pm
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