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Patrika Jaago Janmat : दाऊदी बोहरा समाजजनों ने बदला शेड्यूल मतदान कर जाएंगे विदेश

रतलाम। दीपावली के बाद इस बार लोकतंत्र का बड़ा उत्सव है। इसके चलते प्रवासियों ने दीपावली का शेड्यूल बदल दिया है। आमतौर पर दीपावली के दूसरे या तीसरे दिन जाने वाले प्रवासी 17 नवम्बर को मतदान के बाद लौटेंगे। कई लोग विदेशों से आएंगे तो चेन्नई, कोलकाता, मुम्बई, बेंगलुरु सहित विभिन्न राज्यों में रहने वाले प्रवासी भी मतदान को लेकर उत्सुक हैं। बोहरा समाज के कई लोगों ने रतलाम के लिए टिकट बुक भी करा दी है।

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बोहरा समाज के सलीम आरिफ के अनुसार शहर से बाहर अन्य राज्यों और देशों में कई लोग निवासरत हैं। कुवैत, दुबई आदि देशों में व्यापार-व्यवसाय और प?ाई के लिए करीब 1500-1800 समाजजन निवासरत होंगे। इनमें से कई लोग मतदान करने के लिए अपने-अपने घर पहुंच रहे हैं, वे परिवार के साथ मतदान करेंगे। कुवैत, दुबई, सऊदी अरब, मलेशिया, बैंकाक, अमेरिका आदि देशों में भी रतलामी निवासरत है।

दीपावली से पहले आएंगे


अधिकांश प्रवासी दीपावली से पहले रतलाम पहुंचेंगे। उनकी मंशा है कि दीपोत्सव के साथ ही वे चुनावी हलचल में भी भाग लेंगे। पांच वर्ष में एक बार चुनाव का मौका आता है, ऐसे में दोनों उत्सव में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाएंगे। कुछ लोग परिवार के साथ ही विदेश में रहते हैं, वे मय परिवार ही आएंगे।

पहली बार मतदान को उत्सुक


प्रवासियों में एक कई युवा मतदाता ऐसे भी हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। इनमें कुछ लोग जहां विदेशों में अपने परिजनों के साथ बिजनेस कर रहे हैं तो कई कुवैत व अन्य खाड़ी देशों में मजदूरी पर गए हैं। इसके अलावा बेंगलुरू, पुणे, मुम्बई,चेन्नई समेत अन्य शहरों में अध्यनरत नव मतदाता भी रतलाम आएंगे।

पुणे से आकर करूंगा पहली बार मतदान

पुणे के भारतीय विद्यापीठ लॉ कॉलेज में पढ़ाई कर रहे 20 वर्षीय नूरूद्दीन आरिफ ने बताया कि छह माह से बाहर हूं, देश की तरक्की के लिए मतदान करने रतलाम आ रहा हूं। शहर, प्रदेश व देश के विकास, शिक्षा- युवाओं के लिए सोचना वाला नेतृत्वकर्ता होना चाहिए।
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एक-एक मत का मायना

कुवेत के प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले 29 वर्षीय मुर्तजा कागदी विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान कर अपना योगदान देने के लिए आ रहे हैं। कागदी का कहना है कि हमारा एक-एक मत मायने रखता है, इसलिए मतदान करना सबका अधिकार है और सबकोकरना चाहिए।
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मैं कुवेत से 17 की सुबह रतलाम आउंगा

वोट देना हमारा अधिकार है और हमे मतदान कर गर्व महसूस होना चाहिए। मैं कुवेत से 17 नवंबर की सुबह रतलाम आ रहा हूं। देश की तरक्की के लिए हर इंसान को समय निकालकर मतदान करना चाहिए। यह कहना है कि 25 वर्षीय कुवेत निवासी अब्बास बामनियावाला का।