अधिकांश प्रवासी दीपावली से पहले रतलाम पहुंचेंगे। उनकी मंशा है कि दीपोत्सव के साथ ही वे चुनावी हलचल में भी भाग लेंगे। पांच वर्ष में एक बार चुनाव का मौका आता है, ऐसे में दोनों उत्सव में बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाएंगे। कुछ लोग परिवार के साथ ही विदेश में रहते हैं, वे मय परिवार ही आएंगे।
प्रवासियों में एक कई युवा मतदाता ऐसे भी हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। इनमें कुछ लोग जहां विदेशों में अपने परिजनों के साथ बिजनेस कर रहे हैं तो कई कुवैत व अन्य खाड़ी देशों में मजदूरी पर गए हैं। इसके अलावा बेंगलुरू, पुणे, मुम्बई,चेन्नई समेत अन्य शहरों में अध्यनरत नव मतदाता भी रतलाम आएंगे।
पुणे के भारतीय विद्यापीठ लॉ कॉलेज में पढ़ाई कर रहे 20 वर्षीय नूरूद्दीन आरिफ ने बताया कि छह माह से बाहर हूं, देश की तरक्की के लिए मतदान करने रतलाम आ रहा हूं। शहर, प्रदेश व देश के विकास, शिक्षा- युवाओं के लिए सोचना वाला नेतृत्वकर्ता होना चाहिए।
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एक-एक मत का मायना
कुवेत के प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले 29 वर्षीय मुर्तजा कागदी विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान कर अपना योगदान देने के लिए आ रहे हैं। कागदी का कहना है कि हमारा एक-एक मत मायने रखता है, इसलिए मतदान करना सबका अधिकार है और सबकोकरना चाहिए।
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मैं कुवेत से 17 की सुबह रतलाम आउंगा
वोट देना हमारा अधिकार है और हमे मतदान कर गर्व महसूस होना चाहिए। मैं कुवेत से 17 नवंबर की सुबह रतलाम आ रहा हूं। देश की तरक्की के लिए हर इंसान को समय निकालकर मतदान करना चाहिए। यह कहना है कि 25 वर्षीय कुवेत निवासी अब्बास बामनियावाला का।