18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नो एंट्री में मौत की दौड़, जिम्मेदारों ने दी ये सफाई

नो एंट्री में मौत की दौड़, जिम्मेदारों ने दी ये सफाई

2 min read
Google source verification
patrika

patrika

रतलाम. बेपटरी यातायात को पटरी पर लाने के लिए कागजी मैप बनाने में जुटे यातायात महकमे के लिए त्योहारी दबाव नई परेशानी बन गया है। शहर में रोजाना 2 से ढाई हजार वाहनों की आवाजाही प्रमुख रोड से हो रही है। वाहनों का दबाव होने के बावजूद नियमों का पालन कराने में विभाग नाकाम हो गया है। बीते एक माह के दौरान आधा दर्जन हादसों का कारण प्रमुख और व्यस्त सड़कों पर भारी वाहन बने है। कस्तूरबानगर में एक महिला की मौत हो गई, फिर भी जिम्मेदार नियमों का पाठ समझाने से आगे नहीं बढ़ पा रहे।

हर सड़क पर कायदा तय, फिर भी अनदेखी
शहर का यातायात सुधारने की कवायद के तहत सितंबर माह से 6 प्रमुख इलाकों को नो एंट्री जोन और वन-वे में बदला गया है। साथ ही शहर के व्यस्त एवं रहवासी इलाकों वाली प्रमुख सड़कों पर प्रात: 9 से रात 9 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इसके बाद भी शहर में यातायात का दबाव बढऩे पर भारी वाहन खुलेआम प्रतिबंधित अवधि में तंग गलियों से लेकर रहवासी जोन की सड़कों पर दौड़ रहे है। कई वाहन तो रोड क्रॉस करने के बाद गलियों से होते हुए दिनभर गुजरते रहते है, इन पर लगाम की बजाय शहर की यातायात पुलिस दो पहिया वाहनों पर कार्रवाई कर रही है।

यह कहते है कागजों में कैद नियम
- शहर के महूरोड से सैलाना रोड फोरलेन तक भारी वाहनों की गति नियंत्रित है, फिर भी वाहनों की गति और ओवरलोडिंग पर यातायात पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
- प्रमुख रोड से रहवासी जोन और अंदरूनी सड़कों पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है, दिन के समय प्रात: 9 बजे बाद नो एंट्री, फिर भी ट्रक खुलेआम जा रहे है।
- गौशाला रोड, कॉलेज रोड, पॉवर हाऊस रोड, सैलाना रोड, कस्तूूरबानगर और अल्कापुरी चौराहा तक भारी वाहनों की पार्किंग नहीं, फिर भी वाहन खड़े रहते है।
- मंडी आने वाले वाहनों पर भी भार क्षमता का पैमाना तय, वाहन की क्षमता से ज्यादा भार पर कार्रवाई का नियम, फिर भी सैलाना रोड पर ये वाहन ओवरलोड दिखते है।
- चद्दर, नुकीली वस्तु, मानव जीवन को खतरे में डालने वाला सामान और लोहे के कंसस्ट्रक्शन मटेरियल को दिन में अंदरूनी सड़कों से नहीं ले जा सकते, अनदेखी जारी।

ओवरलोडिंग तो रूकना चाहिए
शहर की कोई भी सड़क हो, ओवरलोडिंग किसी भी तरह से नहीं की जा सकती। लोडिंग वाहन के कारण सड़क का सामान्य यातायात अवरूद्ध होता है, इन वाहनों की गति सीमा भी तय है, फिर भी ध्यान न देना तो लापरवाही है। आम आदमी को तो यातायात पुलिस अनेक नियम बताती है, लेकिन हादसों के बाद भी भारी वाहन क्यों नहीं रोके जा रहे।
- राकेश पांचाल, सामाजिक कार्यकर्ता रतलाम
त्योहार पर विशेष सतर्कता
यातायात के लिए त्योहार पर अलग से प्लान बनता है और इस पर कार्य जारी है। सभी प्रमुख सड़कों पर यातायात के नियमों के पालन की निगरानी की जा रही है। भारी वाहनों के प्रवेश से संबंधित नियम भी स्पष्ट है, कहीं अनदेखी हो रही है तो दिखवाया जाएगा। - विवेकसिंह चौहान, सीएसपी रतलाम शहर