scriptएक पैर से दिव्यांग बच्ची करती है ऐसा डांस, अच्छे-अच्छे डांसर रह जाते हैं हैरान, देखें वीडियो | Divyang Dikshika does amazing dance with one leg see video | Patrika News
रतलाम

एक पैर से दिव्यांग बच्ची करती है ऐसा डांस, अच्छे-अच्छे डांसर रह जाते हैं हैरान, देखें वीडियो

– गीत और ढोल की थाप पर करती दीक्षिका करती है मनमोहक नृत्य..डॉक्टर बनने का है सपना

रतलामNov 28, 2022 / 05:17 pm

Shailendra Sharma

ratlam.jpg

रतलाम. कहते हैं जब हौसले बुलंद हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता..कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मूकबधिर एवं दिव्यांग दीक्षिका ने जो अपनी कमियों को पीछे छोड़ जिंदगी की तरफ हर दिन नया कदम बढ़ाती है। दीक्षिका बोल सुन नहीं सकती, एक पैर नहीं होने से चल भी नहीं सकती है। लेकिन गीत और ढोल की थाप पर जबरदस्त नृत्य करती है। जन्म से ही उसके शरीर में कई कमियां हैं लेकिन वह खुद को किसी से कमजोर नहीं समझती इस सब के बावजूद उसके पास एक ऐसा भी हुनर है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दीक्षिका टीवी पर किसी को नृत्य करते हुए देख लेती है तो एक दो बार के प्रयास में उसी तरह का नृत्य कर लेती है। वो भगवान के दिए जीवन को वरदान मानते हुए आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है।

 

शरीर में कमियां पर इरादे मजबूत
रतलाम शहर के नेहरू स्टेडियम के पास स्थित जनचेतना बधिर एवं मंदबुद्धि माध्यमिक विद्यालय में कक्षा पांचवी में पढ़ने वाली 12 साल की दीक्षिका गिरी गोस्वामी का बचपन से ही बांया पैर विकसित नहीं होने के कारण वह घुटनों तक ही है वह सीधे पैर से चलने के साथ नृत्य भी करती है। बचपन से ही ना बोल सकती है और ना सुन सकती है। जनचेतना बधिर स्कूल में नर्सरी से पढ़ाई कर रही है उसको नृत्य का शौक भी है और ढोल की थाप पर इस तरह नृत्य करती है कि देखने वाला अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि वह सुन नहीं सकती है और नृत्य में बोल के अनुसार नृत्य की मुद्रा बदलती है।

देखें वीडियो-

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8fv7la

इलाज में खर्च होंगे लाखों रुपए
डोशीगांव निवासी ममता का विवाह मंदसौर जिले के ग्राम यशोदा निवासी विवेक गिरी गोस्वामी से 2009 में हुआ था। 2010 में ममता को बेटी दीक्षिका पैदा हुई तो उसका एक पैर विकसित नहीं हुआ था 4 माह बाद आवाज लगाने ताली बजाने के बाद भी कोई रिएक्शन नहीं होने पर जांच कराई गई तो पता चला कि वह सुन भी नहीं सकती है। कुछ माह बाद नहीं बोलने के बारे में पता चला। इंदौर में सुनने के इलाज का खर्च 1100000 रुपए बताया गया है बड़ी होने पर कुछ माह पहले उदयपुर दिखाने पर डॉक्टरों ने कहा कि दीक्षिका अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है जैसे जैसे लंबाई बढ़ेगी वैसे वैसे ही परिवर्तन आएगा।दीक्षिका के पिता सूरज गिरी गोस्वामी संतरे की खेती करते हैं दीक्षिका का छोटा भाई वंश गिरी है। वे जहां रहते है उस क्षेत्र में दिव्यांगों का स्कूल नहीं होने से दीक्षिका को उसके नाना शंकर गिरी, नानी श्यामू बाई गिरी के यहां ग्राम डोसीगांव में रखा गया। मामा दशरथ गिरी ने बताया कि जब 4 साल की थी तभी हमारे पास आ गई थी और पढ़ाई कर रही है।

 

यह भी पढ़ें

भारत जोड़ो यात्रा, राजबाड़ा पहुंचे राहुल गांधी ने की इंदौर की तारीफ



खुद चुनी अपनी राह
दीक्षिका को जब अलग अलग फोटो दिखा कर भविष्य में क्या बनना है पूछा गया तो उसने डॉक्टर का फोटो देखकर इशारा किया उसने इशारे से बताया कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है और सभी का इलाज करना चाहती है। दीक्षिका हर दिन अपनी शारीरिक कमियों के कारण होने वाली कठिनाइयों से जूझती है लेकिन फिर हर सुबह मजबूत इरादों के साथ नए दिन की शुरुआत करती है।

देखें वीडियो-

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8fv7la
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो