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देखें VIDEO : डॉक्टर्स-डे पर पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने हर मां के लिए दिया खास संदेश

पहले रिसर्च की कमी थी। आज रिसर्च की कमी नहीं है, लेकिन मौजूद रिसर्च के प्रति जागरूकता नहीं है।

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Doctor's Day ratlam latest hindi news

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रतलाम. शहर की चिकित्सा सुविधा, चुनौतियां, महिलाओं व बच्चों के स्वास्थ्य, डॉक्टर्स डे की महत्ता, वर्तमान में डॉक्टर व मरीजों के संबंधों में आ रही दूरियों को लेकर पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने पत्रिका से खास बात की। बातचीत के VIDEO को देखें यहां पर।

पत्रिका - चिकित्सा जगत की वर्तमान चुनौतियां क्या है?

डॉ. जोशी- डॉक्टर व मरीज के बीच पारदर्शिता जरूरी है। अंडर प्रेशर नहीं होना चाहिए। सही जानकारी देनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर ईश्वर की बनाई हुई चीज पर काम करता है। मरीज के इलाज के दौरान सब कुछ लगा देता है।

पत्रिका - आधुनिक उपकरण व संसाधनों के बाद अब चिकित्सा क्षेत्र में क्या कमी मानती हैं?

डॉ. जोशी - उपकरण/ संसाधन तो डॉक्टरों को क्लिनिक जजमेंट की मदद करते हैं। आधुनिक चिकित्सा उपकरण को ज्यादा महत्व देना भी ठीक नहीं है। सभी प्रकार की जांच कराने का ट्रेंड हो गया है। डॉक्टर जब नाड़ी चेक करता है तो उसे शरीर में बीमारी की जानकारी हो जाती है। यही कारण है व दवाई या लिखने के दौरान आर, लिखता है।

पत्रिका - बढ़ते रतलाम को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में क्या आवश्यकता है?

डॉ. जोशी - जहां पर कॉलेज खुलता है, वहां पर नई तकनीक व रिसर्च का संयोग बनता है। मरीज की देख-रेख में एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। लोकल परिस्थितियों में रिसर्च व जांच, बाहर की रिसर्च व जांच के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होती है।

पत्रिका - आप लंबे समय से चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। इसमें क्या अंतर आया?

डॉ. जोशी - पहले रिसर्च की कमी थी। आज रिसर्च की कमी नहीं है, लेकिन मौजूद रिसर्च के प्रति जागरूकता नहीं है।

पत्रिका - महिला व बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर क्या स्थिति है?

डॉ. जोशी - इनमें कुपोषण रोकने के लिए हर लेवल पर कार्य हो रहा है। उसका जमीनी स्तर पर असर नहीं दिख रहा है। नियमों का जमीनी स्तर पर पालन, मॉनिटरिंग व फीडबैक की कमी है। मॉनिटरिंग व फीडबैक पर ज्यादा ध्यान दें।

पत्रिका - डॉक्टर्स- डे पर डॉक्टरों को क्या संदेश देंगी?

डॉ. जोशी - चिकित्सक जिस प्रकार से मरीजों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। उस सेवा का असर अच्छा होता है। सेवा कार्य के दौरान कुछ परेशानियां आती हैं। वे क्षणिक होती है।उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दें। समय के साथ वह समाप्त हो जाती है। पहली प्राथमिकता मरीज की सेवा ही रखें।