
Ratlam Industry
रतलाम। एक तरफ सरकार राज्य में अलग-अलग जगह समिट कर उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर रही है, दूसरी तरफ रतलाम रेंज के तीन जिले क्रमश: रतलाम, मंदसौर और नीमच में तीन साल में जितनों को उद्योग के लिए भूमि का आवंटन किया, उसके आधे भी उद्योग लगाने के लिए आगे नहीं आए। यह बात राज्य सरकार ने भी हाल ही में विधानसभा में मानी है। मंत्री चेतन्यकाश्यप ने विधायक डॉ राजेंद्र पांडे के एक सवाल के बदले में जवाब दिया है कि विगत वर्षों में रतलाम, मंदसौर व नीमच में नवीन उद्योग की स्थापना के लिए 210 भूखण्ड आवंटित किए गए। जिसमे से 13 उद्योग शुरू हुए, 30 उद्योग समय पर शुरू नही हुए।
समय पर उद्योग शुरू नहीं होने का खामियाजा कई स्तर से हो रहा है। एक तरफ जहां समय पर उद्योग के नहीं आने से तीनों जिलों में समय पर युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, दूसरी तरफ इन जिलों की जीडीपी में जो ग्रोथ उद्योग के आने से होना था, वो नहीं हो पा रहा है।
रतलाम जिला उद्योग महाप्रबंधक अतुल कुमार वाजपेयी के अनुसार विधानसभा में 2022 से लेकर अब तक की जानकारी मांगी गई थी। रतलाम के परिदृश्य में बात की जाए तो कुल 9 लोगों ने उद्योग के लिए विभाग से भूमि की मांग की। सभी को भूमि दे दी गई। इनमें से 4 उद्योग शुरू हो गए है, जबकि 5 की प्रक्रिया जारी है। सभी 9 उद्योग रतलाम में शुरू हो जाएंगे।
नीमच उद्योग विभाग प्रभारी महाप्रबंधक योगिता भटनागर के अनुसार झांझरवाडा में 194 भूखंड हैं। 68 में उत्पादन शुरू हो गया है। 29 उद्योग शुरू होने के पूर्व उनमें निर्माण चल रहा है। शेष के पास अभी कार्य प्रारंभ करने का पर्याप्त समय है। जबकि लघु उद्योग में मनासा क्षेत्र में 4 को भूमि दी थी, सभी ने उद्योग शुरू नहीं किया तो इनको उद्योग विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए है।
मंदसौर उद्योग विभाग महाप्रबंधक मंगल रैयकवार के अनुसार 98 लोगों ने उद्योग के लिए भूमि मांगी तब नियम अनुसार आवंटन किया लेकिन जब यह देखा समय-सीमा में उद्योग शुरू ही नहीं किए तो सभी 98 का आवंटन निरस्त कर दिया।जबकि मुल्तानपुरा मेें 288 प्लाट उद्योग विभाग ने दिए। इसमें 60 निरस्त कर दिए। शेष में उद्योग चल रहे है। जिले के गरोठ में 60 प्लाट है। इसमें 38 लोगों ने प्लाट लिए, लेकिन उद्योग नहीं डाले तो निरस्त कर दिए गए। शेष उद्योग चल रहे है।
आवंटन निरस्त करवाएंगे
सरकार उद्योग लगाने और युवाओं को रोजगार देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए समिट भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने की है। जो उद्योग शुरू नहीं कर रहे है, उनका आवंटन निरस्त कर अन्य को प्राथमिकता दे रहे है, जिससे वास्तविक लोग कार्य कर पाए।
- चेतन्य काश्यप, मंत्री, मप्र शासन
Updated on:
11 Dec 2025 12:03 am
Published on:
11 Dec 2025 12:02 am
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