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Ganesh Chaturthi 2019 इस तरह का होना चाहिए गणपति का पूजा स्थल

locationरतलामPublished: Aug 18, 2019 10:38:53 am

Submitted by:

Ashish Pathak

Ganesh Chaturthi 2019 – इस तरह का होना चाहिए गणपति का पूजा स्थल, इन नियम का पालान करके ही गणपति की स्थापना करना चाहिए।

Ganesh Chaturthi 2019

Ganesh Chaturthi 2019 latets news


रतलाम। Ganesh Chaturthi Sthapana Shubh Muhurat Puja vidhi in hindi – 10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi ) उत्सव 2 सितंबर को शुरू होने जा रहा है। गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घरों में गणेश जी भगवान को विराजमान करते हैं और गणेश चतुर्थी के दिन उनका विसर्जन किया जाता है। कुछ लोग 5, 7 व 11 दिन के लिए घर में गणपति को घर से लेकर कारोबार की जगह पर विराजमान करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश जी, रिद्धि सिद्धि सहित इन दिनों में अपने भक्त के सभी दुख दूर करके ले जाते हैं। गणपति के पांडाल हो या घर में स्थान दिया जाए, इसके कुछ नियम है। इन नियम का पालान करके ही गणपति की स्थापना करना चाहिए। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने भक्तों को कही। वे गणेश पूजा से जुडे़ नियम के बारे में बता रहे थे।
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ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने भक्तों को कहा कि कुछ लोग इमेज ( Ganesh Chaturthi Images ), फोटो, एमपी3 सोंग ( ganesh songs ) आदि से भी बधाई देते है। बल्कि मोबाइल ( Mobile ) पर वॉल फोटो लगाकर रखते है। यहां तक तो ठीक है, लेकिन जब ट्यून गणपति के भजन, गणेश आरती ( ganesh aarti ) की होती है तो मोबाइल बजते ही इसको अटेंड करने में वो आधी ही बजती है। इससे बचना चाहिए। गणेश पूजन मुहूर्त दिनभर रहेंगे। इसमे तो विशेष देखना भी नहीं चाहिए, क्योकि गणपति को स्वयं ही संकट से लेकर कष्ट को हरने वाले है। इसलिए प्रसन्न मन से विनायक की पूजन करना चाहिए।
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गणपति की प्रतिष्ठा इस तरह हो

– जब भक्त गजानन को लेने जाएं तो नवीन वस्त्र धारण करें।
– चांदी की थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें गणपति को विराजमान करके लाएं।
– चांदी की थाली संभव न हो पीतल या तांबे का प्रयोग करें।
– मूर्ति बड़ी है तो हाथों में लाकर भी विराजमान कर सकते हैं।
– घर में विराजमान करें तो मंगलगान करें, कीर्तन करें।
ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि जब भक्त अपने घर गणपति को विराजमान करें तो कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बंद लगाएं। अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह तैयारी गणेश उत्सव के पहले कर लें। इसके बाद गणपति उत्सव उत्साह के साथ मनाए।
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