
रतलाम। अब तक ट्रेन चलाने के लिए सिटी बजाने से लेकर लाल-हरी झंडी दिखाने वाले गार्ड की भारतीय रेलवे को कुछ दिन बाद जरुरत नहीं रहने वाली है। इसके लिए रेलवे एंड ऑफ टेरिटरी (ईओटी) तकनीक ला रहा है। इसको प्रयोग के रुप में उत्तर भारत में शुरू कर दिया है, जल्द ही इसे पश्चिम रेलवे में भी शुरू किया जाएगा।
मंडल के यांत्रिकी विभाग के सूत्रों के अनुसार रेलवे ने गार्ड की भूमिका को कम व धीरे-धीरे समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा लिए है। इसके लिए ईओटी तकनीक को शुरुआत में मालगाड़ी में लगाया है। आगे चलकर इसको यात्रीट्रेन में भी लगाया जाएगा।
मशीन में रहेगी मैग्नेटिक चीप
असल में जो ईओटी मशीन लगाई गई है, उसमे मैग्नेटिक चीप लगाई गई है। उसको डिजाइन इस तरह से किया गया है कि वो खतरा भांपकर चालक को पहले संकेत दे देगा। असल में ट्रेन के पहिंए में जैसे ही तापमान बढेगा, पहिंए पटरी पर डगमगाएंगे वो तुरंत इसकी जानकारी चालक को देगा। इसके बाद चालक ट्रेन को रोककर जांच कर सकेगा की असल में हुआ क्या है। असल में ईओटी गार्ड के डिब्बे में व चालक के बीचसंकेत के रुप में काम करेगा। असल में इसको इस तरह बनाया गया है कि ये ट्रेन में किसी भी प्रकार का असामान्य कुछ होता है तो इसकी सूचना तुरंत चालक को देगा।
हालाकि संगठन कर रहे विरोध
रेलवे ने भले इसको प्रयोग के रुप में शुरू कर दिया हो, लेकिन अभी से इसका विरोध रेल संगठनों ने करना शुरू कर दिया है। मंडल के दोनों प्रमुख संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक को दुर्घटना रोकने के लिए उपयोग हो तो इसका विरोध नहीं है, लेकिन गार्ड को हटाकर सिर्फ मशीन के भरोसे रहना मंजूर नहीं है। एेसे में मंडल या पश्चिम रेलवे में इसको लाया गया तो जमकर विरोध किया जाएगा।
हमारा रहेगा विरोध
ईओटी को मंडल में लाया गया तो हम विरोध करेंगे। तकनीक का विरोध नहंी है, लेकिन कर्मचारियों को हटाकर सिर्फ मशीन के भरोसे रहने का विरोध है।
-बीके गर्ग, मंडल मंत्री वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ
आंदोलन करेंगे हम
ईओटी को पश्चिम रेलवे में कही भी गार्ड को हटाकर लगाया गया तो आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए हम तैयार है। संगठन में इसकी चर्चा भी की गई है।
-एसबी श्रीवास्तव, मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाईज यूनियन
Published on:
09 Dec 2017 01:17 pm
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