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Kanjar आतंक: इन गांवों को कब मिलेगी आतंक से मुक्ति

रतलाम/आलोट। कंजरों के खौफ से जिले के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं, इनका आतंक इस कदर है कि बंदी मांगते नहीं देने पर नुकसान पहुंचाते है। ग्रामीण दहशत में है तो पुलिस की कार्यवाही भी बेअसर साबित हो रही है। अरनिया, टोकड़ा, लाखाखेड़ी सहित आलोट नगर और राजस्थान सीमा से लगे अधिकांश गांव इनके खोफ के चलते सालों से मुक्त अब तक नहीं हो पाए है। ये क्षेत्र कब इनसे मुक्त हो पाएंगे पता नहीं ?

रतलामJan 05, 2024 / 11:39 am

Gourishankar Jodha

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पिछले साल 2023 की बात करें तो 7 कंजर गिरफ्तार किए गए और 4 केस दर्ज हुए है। पुलिस ने गत वर्ष कऱीब 30 से ज़्यादा बार कंजर डेरो में दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली, दिसंबर माह में एसपी राहुलकुमार लोढा की स्पेशल टीम ने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर कऱीब 100 जवानों ने डेरो पर दबिश दी थी, फिर भी खाली हाथ लौटे। सबसे अधिक फायदा इन्हे दोनों प्रदेश की सीमा के कारण होता है। किसान खेतों में दिन-रात मेहनत करता है, लेकिन अब तक आलोट क्षेत्र के कई गांवों के कृषक कंजरों की बंदी से मुक्ति नहीं पा सके है।
कृषि उपकरण मवेशी कर ले जाते चोरी


मिली जानकारी के अनुसार कंजर वारदात तो करते है, लेकिन दलालों के माध्यम से चोरी गए उपकरणों की वसूली कर लेते है, जिससे थाने में केस दर्ज ही नहीं होते है। तो कई कंजर सीमा का फायदा उठाकर वारदात कर निकल जाते हैं। कंजर रात में घूमकर खेतों से रात में कृषि उपकरण और वाहनों को चुरा लेते है, इसके बाद दलालों के माध्यम से जिनके यहां से उपकरण या अन्य सामान जो चोरी जाता है, दलाल के माध्यम से उनसे रुपये लेकर सामान वापस कर देते है, जिससे ये घटनाएं थाने तक पहुंच ही नहीं पाती है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में पुलिस हर दिन इनके आने जाने वालों रास्तो पर ग़स्त कर रही है।
बंदी मांगते नहीं देने पर करते नुकसान


किसान उमरावसिंह ने बताया की कंजर आकर पहले बंदी मांगते है और नहीं देने पर खेतों से कृषि उपकरण, मवेशी आदि ग़ायब कर देते है, इसके बाद में दलाल के माध्यम से छुड़वाना पड़ता है। किसान बद्रीसिंह का कहना है कि कंजर गांव में आकर लोगों से पहले तो बंदी मांगते है, नहीं तो नुक़सान कर जाते है। पुलिस को इनके ऊपर कार्यवाही करके हमें इनके आतंक से मुक्ति दिलाना चाहिए।
घोड़ारोज और कंजर से उठा रहे नुकसान


भूपेन्द्र सोलंकी, किसान संघ अध्यक्ष आलोट ने बताया कि एक तरफ घोड़ारोज नीलगाय खड़ी फसलों में नुकसान कर रही है, तो दूसरी तरफ प्रशासन भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसके अलावा खेतों से चोरी करने वाले कंजरों की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। आलोट तहसील में किसान संघ की ओर से ताकत से ज्ञापन व धरना प्रदर्शन करेंगे।
इनका कहना


वर्तमान में पुलिस कंजरों के खिलाफ सर्चिंग कर रही है, पिछले महीने भी हमने दबिश दी थी, लेकिन इनके डेरो पर कोई नहीं मिला। इनके आने जाने के रास्तों पर भी निगरानी की जा रही है। रात को भी इनके ऊपर नजऱ रखे हुए है और जल्दी ही इनके ऊपर कार्यवाही की जाएंगी।
दिनेश भोजक, थाना प्रभारी आलोट

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