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लाखों लाड़ली बहनाें ने भरे ‘लाडली बहना आवास योजना’ फॉर्म, कब मिलेंगे घर…

उज्जैन संभाग के अंचल में रहने वाली 6.44 लाख से अधिक लाड़ली बहना को अपने लिए आवास का इंतजार है। ये वो महिलाएं है, जिन्होंने सितंबर में लाड़ली बहना आवास योजना की शुरूआत होने के बाद जनपद क्षेत्र में शामिल पंचायतों में आवेदन दिए थे...आवेदन लेकर भूले जिम्मेदार

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उज्जैन संभाग के अंचल में रहने वाली 6.44 लाख से अधिक लाड़ली बहना को अपने लिए आवास का इंतजार है। ये वो महिलाएं है, जिन्होंने सितंबर में लाड़ली बहना आवास योजना की शुरूआत होने के बाद जनपद क्षेत्र में शामिल पंचायतों में आवेदन दिए थे। शासन के आदेश थे तो पंचायतों ने आवेदन तो ले लिए, लेकिन इसके बाद से अब तक योजना में कोई गति नहीं हुई है। महिलाओं का मानना है कि सरकार चुनाव बाद इस घोषणा को भूल चुकी है।

संभाग में 6 लाख 44 हजार 279 महिलाओं ने इस योजना में आवेदन दिया था। ये आवेदन उन महिलाओं ने दिया था, जो आवासहीन महिलाएं है व स्वयं के लिए मकान के लिए काट चक्कर काट रही है। लाड़ली बहना आवास योजना विधानसभा चुनाव के बाद अब खटाई पड़ती नजर आ रही है। रतलाम सहित संभाग में जिन आवासहीन महिलाओं ने पंचायत से लेकर निकाय के माध्यम से आवेदन किए थे, उनकी उम्मीद भी अब दम तोड़ती नजर आ रही है।

जिला आवेदन आए पात्र

रतलाम 88925 85935

मंदसौर 69747 69020

नीमच 86795 81291

उज्जैन 100081 94350

शाजापुर 103272 102500

देवास 166078 161963

आगर-मालवा 44550 43489

सूचना तक नहीं दी

हमने आवेदन किया, बोला मकान की सुविधा मिलेगी। अब तक आवेदन के बाद ाकोई सूचना तक नहीं दी। तब से अब तक जितनी बार जाकर सवाल करते है, कोई सही से जवाब तक नहीं देता है।

- राधा बाई, आवेदन करने वाली गृहणी

पहली बार मिले इतने आवेदन

जनपद व जिला पंचायत के अधिकारियों के अनुसार रतलाम जिले से कुल 88 हजार 925 महिलाओं ने आवेदन किए। इतनी बड़ी तादाद में पहली बार आवास के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। इन आवेदन की छटनी की व पात्र 85935 माने। योजना की गतिविधि सुस्त पड़ गई है, उससे अब लोगों की आवासहीन महिलाओं की उम्मीद भी समाप्त होने लगी है।

अक्टूबर तक भरे थे आवेदन

इस योजना में उन महिलाओं को आवास मिलना है, जो अंचल में रहती है व स्वयं के पास कोई आवास नहीं है। पंचायतों में ही लाडली आवास योजना का लाभ महिलाओं को दिया जाना है। इसके लिए इसके लिए योजना की शुरूआत 17 सितंबर को हुई व 5 अक्टूबर तक आवेदन लिए। जिले में 900 से अधिक गांव में अंतिम पांच दिन में सबसे अधिक लोगों ने आवास के लिए आवेदन किया था। अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों के पास कच्चा मकान या आवास नहीं है, उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा।
शासन से गाइड लाइन का इंतजारमुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना में नियम अनुसार पंजीयन किए। पंजीयन के बाद अब हमे शासन से इसके लिए गाइड लाइन का इंतजार है।

- डॉ संजय गोयल, संभाग आयुक्त उज्जैन
रतलाम. उज्जैन संभाग के अंचल में रहने वाली 6.44 लाख से अधिक लाड़ली बहना को अपने लिए आवास का इंतजार है। ये वो महिलाएं है, जिन्होंने सितंबर में लाड़ली बहना आवास योजना की शुरूआत होने के बाद जनपद क्षेत्र में शामिल पंचायतों में आवेदन दिए थे। शासन के आदेश थे तो पंचायतों ने आवेदन तो ले लिए, लेकिन इसके बाद से अब तक योजना में कोई गति नहीं हुई है। महिलाओं का मानना है कि सरकार चुनाव बाद इस घोषणा को भूल चुकी है।

संभाग में 6 लाख 44 हजार 279 महिलाओं ने इस योजना में आवेदन दिया था। ये आवेदन उन महिलाओं ने दिया था, जो आवासहीन महिलाएं है व स्वयं के लिए मकान के लिए काट चक्कर काट रही है। लाड़ली बहना आवास योजना विधानसभा चुनाव के बाद अब खटाई पड़ती नजर आ रही है। रतलाम सहित संभाग में जिन आवासहीन महिलाओं ने पंचायत से लेकर निकाय के माध्यम से आवेदन किए थे, उनकी उम्मीद भी अब दम तोड़ती नजर आ रही है।

जिला आवेदन आए पात्र

रतलाम 88925 85935

मंदसौर 69747 69020

नीमच 86795 81291

उज्जैन 100081 94350

शाजापुर 103272 102500

देवास 166078 161963

आगर-मालवा 44550 43489