मध्यप्रदेश के रतलाम निवासी एक पुलिस उपनरीरिक्षक जो उज्जैन में पदस्थ है, ने पहले फेसबुक पर इंदौर की एक युवती से दोस्ती की। प्यार की बात करके फर्जी शादी की। इसके बाद सर्विस रिवाल्वर से धमका कर वो सब किया जो नहीं करना था। इसके बाद जब पोल खुल गई तो ड्यूटी छोड़कर भाग गया।
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रतलाम. मध्यप्रदेश के रतलाम निवासी एक पुलिस उपनरीरिक्षक याने की एसआई जो उज्जैन में पदस्थ है, ने पहले फेसबुक पर इंदौर की एक युवती से दोस्ती की। प्यार की बात करके फर्जी शादी की। इसके बाद सर्विस रिवाल्वर से धमका कर वो सब किया जो नहीं करना था। इसके बाद जब पोल खुल गई तो ड्यूटी छोड़कर भाग गया। एसआई रतलाम शहर के जवाहर नगर का निवासी है।
पुलिस के अनुसार मध्यप्रदेश के रतलाम के जवाहर नगर निवासी विकास देवड़ा उज्जैन में भैरवगढ़ पुलिस थाने में पदस्थ है। यही पर ड्यूटी के दौरान एसआई का इंदौर निवासी एक युवती से सोशल मीडिया पर ईश्क हुआ। प्यार परवान चढ़ा व दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसम खाकर शादी कर ली। शादी के मामले में युवती का कहना है कि एसआई ने फर्जी शादी की। युवती की शिकायत पर दुष्कर्म सहित मारपीट और जान से मारने की धमकी को लेकर विभिन्न धाराओं में एसआई के खिलाफ प्रकरण दर्ज हो गया है।
इंदौर के पलासिया में रहने वाली युवती युवती ने पुलिस को बताया फेसबुक के माध्यम से दोस्ती करने के बाद उसे सर्विस रिवॉल्वर से धमकाकर संबंध बनाता था। उज्जैन के चिमनगंज थाना पुलिस ने बताया कि इंदौर के पलासिया में रहने वाली युवती ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि भैरवगढ़ थाने में पदस्थ एसआई विकास देवड़ा ने 8 माह पूर्व फेसबुक पर दोस्ती की। इसके बाद आरोपी एसआई ने उससे फर्जी शादी कर दुष्कर्म किया और बाद में पीडि़ता को जब एसआई देवड़ा के शादीशुदा की जानकारी मिली तो आरोपी एसआई ने मारपीट करने के साथ रिवॉल्वर दिखाकर जान से मारने की धमकी देकर संबंध बनाता रहा। महिला ने बताया कि कई बार उसने फाजलपुरा क्षेत्र की मल्टी के फ्लेट में भी उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने महिला का मेडिकल कराने के बाद आरोपी एसआई के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। प्रकरण दर्ज होने की खबर लगने के बाद से आरोपी एसआई देवड़ा फरार है।
थाने में हुआ हंगामा एफआईआर से पूर्व एसआई की ड्यूटी संघ प्रमुख की सुरक्षा के लिए इस्कॉन मंदिर में लगी हुई थी। पीडि़ता के थाने पहुंच हंगामे की सूचना पर वह ड्यूटी बीच में छोड़कर थाने पहुंचा। इस दौरान पीडि़ता और उसके परिजन ने आरोपी एसआई को खूब खरी-खोटी भी सुनाई। जब आपस में बात नहीं बनी तो एसआई थाने से चला गया। इसके बाद प्रकरण दर्ज होने की जानकारी लगते ही एसआई फरार हो गया।