scriptVIDEO महालक्ष्मी की करें ऐसे पूजा, धन-धान्य से भर देगी भंडार | Mahalakshmi temple video and Diwali Puja Vidhi | Patrika News

VIDEO महालक्ष्मी की करें ऐसे पूजा, धन-धान्य से भर देगी भंडार

locationरतलामPublished: Oct 26, 2019 03:47:00 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

दिवाली पर बन रहे विशेष संयोग बढ़ा रहे कई गुना त्योहार की महत्ता

महालक्ष्मी की करें ऐसे पूजा, धन-धान्य से भर देगी भंडार

महालक्ष्मी की करें ऐसे पूजा, धन-धान्य से भर देगी भंडार

रतलाम। दिवाली पर इस बार तिथियों की विचित्र स्थिति के साथ कई विशेष संयोग भी बनेंगे जो त्योहार की महत्ता को कई गुना बढ़ा देंगे। दिपावली का त्योहार २७ अक्टूबर को है, कार्तिक अमावस्या को दीपों का त्योहार दिपावली मनाया जाता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। दिवाली की रात को मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि लक्ष्मी पूजा से भक्तजन के सारे कष्ट दूर करके मां लक्ष्मी धन-धान्य से भंडार भर देती है। वहीं इस बार दिवाली कई विशेष योग के साथ मनेगी। जी हां, इस बार तिथियों की अनूठी स्थिति का असर दिपावली के त्योहार के दौरान नजर आएगा।
देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष काल ही श्रेष्ठ
ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी अनुसार सुबह होगी रूप चौदस और शाम को होगी अमावस्या 27 अक्टूबर रविवार की चतुर्दशी तिथि रहेगी और शाम को अमावस्या रहेगी। इस वजह से रविवार को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष काल ही श्रेष्ठ रहता है। इस संबंध में मान्यता है कि जो लोग दिवाली की रात जागकर लक्ष्मी पूजा करते हैंए उनके घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 27 अक्टूबर को सुबह उदयाकाल में चतुर्दशी होने से रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्‍नान से सौंदर्य निखारा जाएगा, जबकि शाम को प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से महालक्ष्मी पूजन भी इसी दिन होगा।
लक्ष्मी पूजा का महत्व
दीपावली के दिन कुछ विशेष मंगलकारी संयोग बनेंगे। दिवाली पर विशेष योग का विचित्र संयोग महालक्ष्मी पूजन के दिन 27 को चित्रा नक्षत्र रहेगा। इस बार कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं करने के कारण इस तिथि का क्षय हो रहा है। भाई दूज पर 29 अक्टूबर को सौभाग्य और आयुष्मान जैसे मंगलकारी योग रहेंगे।
रूप चौदस का दीपदान और अभ्यंग स्नान रहेगा अलग-अलग दिन
इस बार रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्‍नान और दीपदान अलग-अलग दिन होगा। चतुर्दशी 26 को दोपहर 3.47 बजे लगेगी जो अगले दिन 27 को दोपहर 12.22 बजे तक रहेगी। 26 अक्टूबर को रात 8.27 बजे से हस्त नक्षत्र लगेगा जो अगले दिन शाम 5.48 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी के अभ्यंग स्नान का महत्व सूर्योदय से पहले है। इसलिए यह लक्ष्मी पूजन वाले दिन 27 को सुबह होगा जबकि दीपदान प्रदोषवेला में किया जाता है, इसलिए दीपदान 26 को ही किया जाएगा।
मंगलकारी चित्रा नक्षत्र में होगा महालक्ष्मी पूजन
महालक्ष्मी पूजन 27 अक्टूबर को होगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12.22 से 28 को सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसी दिन पद्म ओर विष्कुम्भ योग, अमृत योग बनेगा जो लगभग पूरे दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा और चित्रा नक्षत्र के मंगलकारी संयोग में बनेगा। इस अवसर पर लोग दीपदान करेंगे। हालांकि उदयाकाल चतुर्दशी होने से तिल-तेल के उबटन से स्‍नान के साथ भगवान कृष्ण का पूजन भी किया जाएगा।
बनेगा सोमवती अमावस्या का संयोग
28 अक्टूबर को बनेगा सोमवती अमावस्या बलीपुजा, गोवर्धनपूजा, अन्नकूट गुजराती और जैन नवीन संवत्सर प्रारंभ होगा। का संयोग गिरिराज और गो-धन के पूजन का पर्व इस वर्ष 28 अक्टूबर को मत-मतांतर के साथ सोमवार को किया जाएगा। इसके पीछे कारण कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि का क्षय होना है। प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। अमावस्या तिथि इस दिन सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसके बाद सुबह 9.09 बजे से 29 को सुबह 6.12 बजे तक प्रतिपदा ओर अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन उदयाकाल में कार्तिक अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा।
भाईदूज पर होगा आयुष्मान योग
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस बार भाईदूज 29 अक्टूबर मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन द्वितीया तिथि सुबह 6.13 से 30 अक्टूबर को तड़के 3ण्47 बजे तक रहेगी। इस दिन बहनों को सौभाग्य प्रदान के लिए सौभाग्य और भाई को लंबी उम्र देने वाला आयुष्मान योग भी रहेगा। आयुष्मान योग दोपहर 3.02 बजे तक और इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा।
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