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ASTRO TIPS संतान को तन, मन व धन का लाभ देता है ये एक मंत्र, प्रतिदिन करने से होता है हर काम आसान

जो माता-पिता भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के समय एक विशेष मंत्र का उपयोग या जप नियमित करते है, उनकी संतान को हर प्रकार का सुख मिलता है

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ASTRO TIPS संतान को तन, मन व धन का लाभ देता है ये एक मंत्र, प्रतिदिन करने से होता है हर काम आसान

रतलाम। संसार में हर मनुष्य चाहता है उसकी संतान को हर सुख मिले। वो तन से स्वस्थ रहे, मन से प्रसन्न रहे व धन की कभी कमी नहीं रहे। कलयुग में ये सबकुछ भगवान श्रीकृष्ण की सेवा करने से मिलता है। इसलिए जो माता-पिता भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के समय एक विशेष मंत्र का उपयोग या जप नियमित करते है, उनकी संतान को हर प्रकार का सुख मिलता है। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने नश्रत्रलोक में कही। वे भक्तों को संतान सुख के उपाय बता रहे थे।

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ज्योतिषी जोशी ने बताया कि धर्म के नजरिए से माता-पिता की भावनाएं संतान के लिए गहरी और नि:स्वार्थ होती है। कई अवसरों पर माता-पिता और संतान के बीच अपेक्षा या महत्वाकांक्षा के चलते रिश्तों में तनाव व मनमुटाव भी देखा जाता है। सच यही है कि माता-पिता और संतान के बीच रिश्तों का अटूट बंधन होता है। हर माता-पिता भी पुत्र हो या पुत्री दोनों के सुख, सुविधा और तरक्की की चाहत रखते हैं। इसके लिए वह जीवन भर हरसंभव कोशिश करते हैं।

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ज्योतिष व शास्त्र में है उल्लेख

शास्त्रों में कुछ ऐसे सरल मंत्र बताए गए हैं, जिनका नियमित रूप से कुछ देर के लिए ध्यान या जप संतान को तन, मन और धन सभी परेशानियों से बचाता है। यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान है, जिनका चरित्र माता-पिता और संतान के रिश्तों के लिए भी आदर्श है। साथ ही वह हर संकट से रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजनीय है।

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इस तरह करें बाल कृष्ण का पूजन

श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप या बालकृष्ण की गंध, अक्षत, फूल अर्पित कर पूजा करें और खासतौर पर मक्खन का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस मंत्र का जप करें। इसके लिए सुबह या शाम के समय का चयन करें। इसमे एक बात का विशेष ध्यान ये रखें कि जो समय का चयन हो, उस समय में परिवर्तन नहीं किया जाए। सुबह या शाम को स्नान करके सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की तस्वीर को सामने रखे।

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इसके बाद धूप, अगरबत्ती, गंध, अक्षत, पुष्प, के साथ पूजन करें। इसके बाद नैवेद्य में माखन व मिश्री का भोग लगाए। पहले दिन जब पूजन करें तब हाथ में सबसे पहले जल लेकर संकल्प ले कि आपके बच्चे को धन, मन के साथ तन की रक्षा हो। इसके बाद प्रतिदिन 108 मंत्र जप करने से लाभ होगा।

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यह सरल मंत्र इस प्रकार है-

श्री कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत: क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नम:।

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