भाई नवाज़ खान ने बताया कि, शोएब को बचपन से ही क्रिकेट में बहुत रुचि रही है। रेलवे कॉलोनी के जूनियर रेलवे इंस्टीट्यूट में शोएब 8 से 12 घंटे तक प्रैक्टिस करते थे और बहुत सारे टूर्नामेंट में शहर और प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। एक मिडिल क्लास फैमिली से नाता रखने वाले के लिए करियर बनाना काफी महत्व पूर्ण होता है, लेकिन अगर मन में निष्ठा और हौसला हो, तो हर काम आसान बन जाता है।
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क्या कहते हैं शोएब?
खिलाडी शोएब ने पत्रिका से बातचीत के दौरान बताया कि, ओमान में तीन साल डोमेस्टिक लीग खेलने के बाद उनका चयन इंटरनेशनल टीम में हुआ है। हाल ही में वो आईसीसी वर्ल्ड चैंपियनशिप लीग-2 खेल रहे हैं। बहुत ही साधारण परिवार से है। घर डीजल शेड रोड पर है। पिता का नाम शफ़ीक़ खान है। उन्होंने बताया कि, जाहिरी तौर पर भले मेहनत मेरी रही, लेकिन पिता समेत परिवार और मित्रों ने हर उस वक्त हिम्मत दी, जब मैं कमजोर पड़ा। एक खिलाड़ी के रुप में कहना चाहता हूं, अंदर से कभी कमजोर नहीं होना चाहिये, बस सही वक्त का इंतजार करना चाहिये, एक न एक दिन वक्त सभी का आता है।
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