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बेसमेंट बनाने वालों को ‘नगर निगम’ ने दिए नोटिस, कब होगी कार्रवाई !

MP News: नगर निगम ने पिछले साल शहर के पौने दो सौ ऐसे लोगों को नोटिस जारी किए थे, जिन्होंने बेसमेंट बना रखे हैं किंतु उनकी अनुमति नहीं है।

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(सोर्स: सोशल मीडिया)

(सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: बिना अनुमति के पहले तो बेसमेंट बनाए और अब इनमें व्यवसायिक गतिविधियां करने वालों की संख्या शहर में पौने दो सौ से ज्यादा है। नगर निगम ने पिछले साल इन पर नकेल कसने के लिए नोटिस जारी किए थे किंतु ये नोटिस केवल नोटिस बनकर ही रह गए। ज्यादातर ने निगम के नोटिस का जवाब देना उचित नहीं समझा। बावजूद इसके अवैध या बिना अनुमति वाले बैसमेंट संचालक के खिलाफ निगम अमला कोई कार्रवाई नहीं कर सका।

अनुमति पेश नहीं कर सके

नगर निगम ने पिछले साल शहर के पौने दो सौ ऐसे लोगों को नोटिस जारी किए थे, जिन्होंने बेसमेंट बना रखे हैं किंतु उनकी अनुमति नहीं है। कुछ लोगों ने जवाब भी दिए हैं और उन्होंने बेसमेंट के लिए अनुमति होने की जानकारी भी दी लेकिन वे यह अनुमति पेश नहीं कर सके हैं। सालभर बाद भी ढाक के तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है।

शहर में न्यू रोड, घांस बाजार, 80 फीट रोड, मित्र निवास रोड, गणेश देवरी सहित कई क्षेत्र ऐसे है, जहां बेसमेंट बने हुए है। एक साल में दो बार तो इस प्रकार के बेसमेंट में आग लगने की घटना भी हो चुकी है।

इस तरह के पेंच आए

1- बेसमेंट संचालकों पर कार्रवाई नहीं करने के पीछे राजनीतिक रसूख व दखलअंदाजी तो है ही अफसरों की ऐसे बेसमेंट संचालकों के प्रति नरमी बरतना भी है।

2 - निगम अफसरों ने बेसमेंट की अनुमति पार्किंग के लिए दी और जब बन रहा था तब ध्यान नहीं दिया। अब व्यावसायिक उपयोग हो रहा तो उन्हें बचाने में जुट गए।

3 - विभागीय कर्मचारी ही अनियमित बेसमेंट संचालकों को बचने के तरीके बताकर जवाब बनवा रहे है।

कोचिंग सेंटर और व्यावसायिक

शहर में जिन 169 लोगों को बेसमेंट को लेकर नोटिस जारी किए गए थे उनमें से 75 फीसदी के पास अनुमति ही नहीं है। जिन लोगों के पास बेसमेंट में पार्किंग की अनुमति है वहां उन्होंने बाकायदा दुकानें, कोचिंग सेंटर या अन्य तरह से उनका व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया है।

एक साल गुजर गया

जिला प्रशासन ने शहर के कई बेसमेंट में संचालित व्यावसायिक संस्थानों की चैकिंग कर चेतावनी देते हुए निगम से कार्रवाई के लिए कहा था। नोटिस में निगम ने सात दिन में जवाब मांगा था। सात दिन की बजाय एक साल बीत चुका हैं।

विभाग से फाइल मंगवाकर देखेंगे

कितनों को पिछले साल नोटिस दिए थे यह लोनिवि में होगा। जवाब मिले या नहीं यह देखना पड़ेगा। विभाग फाइल प्रस्तुत करता है तो उस पर विचार-मंथन कर कार्रवाई करेंगे।- अनिल भाना, निगम आयुक्त


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