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GST को लेकर मोदी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक, उड़ गए कांगे्रस के होश

GST को लेकर मोदी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक, उड़ गए कांगे्रस के होश

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PM Narendra Modi

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रतलाम। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएसटी को लेकर कारोबारियों की परेशानियां हल करते हुए काउंसिल ने कानूनी बदलावों को लागू कर दिया है। संसद से मंजूरी के बाद सभी राज्यों की विधानसभाओं से स्वीकृति मिलते ही अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। अब संशोधित कानून के आधार पर काम किया जा सकेगा। काउंसिल द्वारा करीब 18 कानूनों में बदलाव कर सुधार किया गया है। इनके लागू होने से कानून की विसंगतियों के चलते आ रही जटिलताएं आसान होगी और कारोबारियों को राहत रहेगी। मोदी सरकार के इस निर्णय ने कांगे्रस के होश उड़ा दिए है, क्योकि कांगे्रस सहित तमाम विरोधी इसी बात पर सरकार को घेरते थे। अब मोदी के मास्टर स्ट्रोक का विरोधियों को जवाब नहीं मिल रहा है।

ये किए महत्वपूर्ण बदलाव
- कंपोजिशन डीलर के लिए टर्नओवर सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए की गई। अब कंपोजिशन डीलर टर्नओवर का 10 प्रतिशत या 5 लाख रुपए दोनों में से जो अधिक होगा उतने के बराबर कुछ भी सेवा प्रदान कर सकेगा। - इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए प्राप्तकर्ता को इनवर्ड सेवाएं प्राप्त करना जरूरी था। अब प्राप्तकर्ता के आदेश अनुसार सेवा कहीं और प्रदान की गई है, तब भी उसे आइटीसी लेने की पात्रता रहेगी।
- करमुक्त व्यवहारों के संबंध में आनुपातिक रूप से आइटीसी रिवर्स करना जरूरी है। अब अधिनियम के पीछे दिए गए शेड्यूल 3 में दिए गए व्यवहारों को करमुक्त सप्लाई नहीं माना जाएगा। इस बारे में आइटीसी रिवर्स करने की जरूरत नहीं होगी।
- धारा 34 में बदलाव किया गया है। अब एक से अधिक बिल के संबंध में एक साथ डेबिट या क्रेडिट नोट जारी किए जा सकेंगे।

आइटीसी लेने पर रोक नहीं

- 13 सीटर से बड़े वाहनों के संबंध में आइटीसी लेने पर रोक नहीं रहेगी। वाहनों के संबंध में इंश्योरेंस या रिपेयर-मेंटेनेंस का खर्चा तभी आइटीसी का पात्र होगा जब वह उपरोक्त वाहनों के बारे में हो अथवा करदाता वाहनों का निर्माता है या बीमा व्यवसाय में हो।
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की प्रक्रिया में भी संशोधन किया है। अब निरस्त करने के तुरंत बाद अधिकारी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने की कार्रवाई कर सकेगा। करदाता को प्रक्रिया होने तक निरंक रिटर्न फाइल नहीं करना होगा।
- वर्कर के लिए माल बगैर टैक्स चुकाए 1 वर्ष तक भेजा जा सकता था, जिसे कमिश्नर की परमिशन से और 1 वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।

- रास्ते में वाहन के साथ इ-वे बिल न होने पर तथा माल मालिक द्वारा 7 दिन में न आने पर माल राजसात की कार्रवाई करने का प्रावधान है। अब इसे बढ़ाकर 14 दिन कर दी गई है।

बड़ा लाभ होगा इन बदलाव से
जीएसटी में बडे़ बदलाव हाल ही में किए गए है। इन बदलाव से कारोबारियों, उद्यमियों को लाभ होगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय का कारोबारियों ने स्वगत किया है।
- रजनीश जैन, पूर्व अध्यक्ष, कर सलाहकार एसोसिएशन