रतलाम। बिजली की आंख मिचौली के साथ बार-बार ट्रिपींग से किसान परेशान है। लोड अधिक होने से वॉल्टेज की कमी बनी हुई है तो सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। हाल यह है कि बिजली कम्पनी की सप्लाय लाइन के तार भी कई खेतों में झूलते हुए हादसे को न्यौता देते नजर आते हैंं। किसानों का कहना है कि रबी सीजन में भी हर दिन 1 घंटे बिजली कम दी जा रही है।
हर दिन 1 घंटे बिजली कम दी जा रही
करमदी के किसान राजेश पुरोहित ने बताया कि बिजली की समस्या से किसान काफी परेशान है, समय पर सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। 20-25 ट्रिपींग आ रही है, सरकार 10 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन, कर्मचारियों की देरी से बिजली सप्लाय चालू करने और समय पूर्व बंद करने की आदत सी बन गई है। हर दिन 1 घंटे बिजली कम दी जा रही है। अस्थाई कनेक्शन बांटे जा रहे हैं, लोड बड़ रहा है उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हाल यह है मेरे खेत पर बाबा आदम के जमाने के बिजली तार लगे हुए जो हर दो दिन में गलकर गिर जाते हैं।
क्या कहते किसान
समीपस्थ ग्राम तितरी के किसान जयंतीलाल पाटीदार ने बताया कि पिछले दस दिन से वाल्टेज की कमी मोटर नहीं चला पा रहे हैं। बगीचों में लगा रखे पौधे पानी नहीं जा रहा है, बार-बार ट्रिपींग से परेशान है। मांगरोल के किसान उमेश पाटीदार का कहना है कि दिन में 12 बजे बाद काफी परेशानी होती है। ओवर लोड के कारण बार-बार ट्रीप होना बताया जाता है। मोटर जलने के साथ ही सिंचाई पर भी फर्क पड़ता है। वाल्टेज की कमी के कारण भी पानी कम आने की परेशानी बनी है। खेत में मटर, लहसुन, गेहूं, चना, प्याज आदि लगा रखे हैं।
एक साथ लोड बढऩे से परेशानी आती है
एक साथ किसान सिंचाई के लिए मोटर शुरू करते है तो लोड बढ़़ता है, यह परेशानी आती है। दो-तीन दिन से फीडर ही नहीं चल रहा है। अब लोड काट रहे है तो एक सप्ताह में स्थिति सामान्य हो जाएगी। यह हर सीजन की बात है। हर साल अस्थाई कनेक्शन बढ़ते ही है। तारों को सही किया जाता है, एरिगेशन फीडरों में दस घंटे बिजली दी जा रही है, लेकिन कभी-कभी तार टूटने के कारण 10-15 मिनट सुधारने में लगता है।
राकेश चतुर्वेदी, लाइनमैन बिजली कम्पनी, धराड़