बड़ोदिया आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 1 को भवन नहीं मिलने के कारण दस साल से स्कूल के एक छोटे रसोई कमरे लग रही है। जहां पर 58 बच्चे दर्ज है, जहां मंगल दिवस और भोजन के दौरान काफी परेशानी आती है। यहां एक बोरे में दिसम्बर माह 22 के खिचड़ी के आठ-दस पैकेट पड़े हुए थे, जिसमें चिटिया और चुहे की लिडिंया पड़ी खिचड़ी के फटे पैकेट में मिले पड़े थे। कार्यकर्ता सत्तू परमार ने बताया कि कमरा छोटा पड़ता है, केंद्र पर 58 बच्चे दर्ज है। अधिकारियों को बता रखा है, केंद्र पर चूहे बहुत है ये पैकेट वितरण करने के नहीं बच गए होंगे।
अभी आया नहीं, अभी कुछ नहीं दे रहे
आंगनवाड़ी केंद्र हतनारा की कार्यकर्ता सीमा राठौड ने बताया कि हमेशा तो आता है, लेकिन पिछले दो माह से टीएचआर नहीं आ रहा है। महिला और बच्चों को अभी कुछ भी नहीं दे रहे हैं। बाल आहार 40-50 बच्चों और गर्भवती और धात्री माताओं को 15-20 महिलाओं को वितरण होता है, लेकिन दो माह से नहीं दिया।
पिछले माह से नहीं आया टीएचआर….
नयापुरा बड़ोदिया आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 2 की कार्यकर्ता मंजू परमार ने बताया कि फरवरी और मार्च का टीएचआर नहीं आया है। पिछले महिने भी एक मंगलवार बंटा था, इसके बाद नहीं आया। दोनों आंगनवाड़ी पर 40-50 बच्चों को प्रतिदिन भोजन बनता है। सुबह नास्ता हुआ अब भोजन करवाएंगे।
इनका कहना
दो माह से कुछ आंगनवाडिय़ों पर टीएचआर नहीं पहुंचा है, क्योंकि देवास से आया ही नहीं है।
रजनीश सिन्हा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, रतलाम