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#Ratlam में यूनाइटेड इंडिया इंश्योंरेस कंपनी के विरुद्ध आदेश पारित

वादी के आवेदन पर किया निर्णय, छह फीसदी ब्याज दर से करना होगा राशि का भुगतान

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एक साथ दो कोर्स कर रहा था छात्र (Photo source- Patrika)

एक साथ दो कोर्स कर रहा था छात्र (Photo source- Patrika)

रतलाम. रतलाम जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध एक अहम आदेश पारित किया है। आयोग के के अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी एवं सदस्य जयमाला संघवी कंपनी को वादी के आवेदन पर 80277 रुपए छह फीसदी ब्याज दर के हिसाब से भुगतान के आदेश दिए हैं। इसके अलावा मानसिक त्रास और वाद व्यय के रूप में भी दस हजार रुपए भुगतान करना होगा। 60 दिन की अवधि में सभी भुगतान नहीं करने पर समस्त आदेशित राशियों पर आठ फीसदी की दर से साधारण ब्याज देना होगा।

परिवादी श्याम सुन्दर शर्मा की ओर से अभिभाषक सुनील पारिख ने अनावेदक यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया था कि आवेदक ने अपनी पत्नी के पक्ष में जारी बीमा पॉलिसी के अधीन उसकी पत्नी उर्मिला शर्मा के उपचार में व्यय राशि के भुगतान के लिए क्लेम प्रस्तुत किया था। इसके लिए आवेदक ने अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत किये, किंतु बीमा कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम निरस्त कर दिया की बीमा कंपनी की तरफ से नियुक्त टीपीए ने यह बताया कि आवेदक ने अपनी पत्नी का जो इलाज करवाया गया है, वह इलाज बीमा कंपनी की पॉलिसी में कवर्ड नहीं है।

सेवा में कमी माना


इस कारण क्लेम का भुगतान नहीं हो सकता। आवेदक बीमा राशि पाने का पात्र नहीं है। आवेदक ने अनावेदक के विरुद्ध वाद प्रस्तुत किया था। अनावेदक ने अपने जवाब में कहा की क्लेम शर्तों के अंतर्गत नहीं होने के कारण दावा भुगतान नहीं होने से आवेदक बीमा राशि पाने का पात्र नहीं है। अभिभाषक पारिख के तर्कों से सहमत होते हुए आयोग ने पाया कि आवेदक ने बीमा पॉलिसी की शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। बीमा कंपनी ने परिवादी को बीमा पॉलिसी की राशि को भुगतान न करके एवं आवेदक के बीमा दावे को बिना किसी न्यायोचित उचित कारण के निरस्त कर सेवा में कमी की है।