
नरेन्द्र मोदी
रतलाम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मध्यप्रदेश में चुनावी दौरे पर थे। उन्होने एमपी के रतलाम में सुबह बड़ी सभा को संबोधन दिया। इस सभा की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतलाम पहुंचते ही मां व बाबा को प्रणाम किया। सोमवार को बाबा को प्रणाम करके पीएम मोदी ने एक खास जगह सभा में आए लोगों के दिल में बना ली। असल में जिन मां कालिका व बाबा गढ़कैलाश को पीएम मोदी ने प्रणाम किया, उनके नाम से ही शहर की शुरुआत पिछले ५०० वर्षो से हो रही है। बड़ी बात ये है कि दिन की शुुरुआत में जो इनको प्रणाम करता है, उसकी जीत अपने दुश्मनों पर होती है ये मान्यता है। आखिर क्या व क्यों महत्व है इन रतलाम की मां व बाबा का महत्च यहां पढे़ं पूरी खबर...
बता दे की पीएम मोदी सोमवार को रतलाम में थे। यहां वे भाजपा प्रत्याशी जीएस डामोर के लिए प्रचार करने आए थे। पीएम के रुप में मोदी की रतलाम में पहली सभा थी। हालांकि वे 2014 में भी चुनावी सभा करने आए थे, जब वे पीएम पद के प्रत्याशी व गुजरात के मुख्यमंत्री थे। जब सोमवार को पीएम मोदी ने कालिका माता व गढकैलाश को याद करते हुए प्रणाम किया, कालिका माता का रतलाम, गढ़कैलाश का रतलाम व रतलाम के संस्कार की बात की तो आमजन में जोश हाई हो गया। करीब 32 मिनट के भाषण की शुरुआत ही पीएम मोदी ने मां कालिका माता व व गढ़कैलाश को याद करके की।
पहले जाने कालिका माता मंदिर को
रतलाम कालिका माता मंदिर सोढ़ा राजपुत की कुलदेवी है।
ये मंदिर 500 वर्ष पूर्व का है।
कालिका माता मंदिर में मां का मुंह उत्तर दिशा में है।
यहां जो सच्चे मन से मांगा जाता है, वो सभी को मिलता है।
हिंदू ही नहीं, मुस्लिम भी आते है यहां पर मन्नत लेकर।
वर्ष की दोनों नवरात्रि में यहां गरबे होते है व हवन होता है।
मंदिर में कालिका के अलावा चामुंडा, अन्नपुर्णा व गणेश जी की मुर्ति है।
मंदिर के बाहर अष्टमुखी तालाब है जो तंत्र कार्य में महत्व का स्थान रखता है।
ये है गढ़कैलाश की विशेषता
गढ़ कैलाश मंदिर 350 वर्ष पूर्व का है।
मंदिर में बाबा का मुंह उत्तर दिशा में है।
मंदिर के बाहर अमृत सागर तालाब है।
यहां सावन माह में बाबा शिव की सवारी पूरे शहर में निकलती है।
शिवरात्रि को विशेष रुप से भक्त उमड़ते है।
मंदिर का निर्माण 1700 ई के लगभग हुआ।
Published on:
13 May 2019 05:51 pm
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